MP के इस किसान का कमाल,शुद्ध देसी जुगाड़ से बना डाला ट्रैक्टर

6/9/2021 6:34:11 PM

विदिशा(अभिनव चतुर्वेदी): कहते हैं कि "आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है" इस कहावत को सच करके दिखाया है एमपी के विदिशा जिले के नटेरन इलाके घटवाई गांव के किसान विजय सिंह रघुवंशी ने। विजय सिंह रघुवंशी एक छोटे से किसान हैं जिनके पास मात्र 4 बीघा जमीन है खेती करने के लिए और आज के मशीनी दौर में खेती करने के लिए सबसे उपयोगी मशीन है ट्रैक्टर है लेकिन महंगाई के इस दौर में छोटे से छोटे ट्रैक्टर की कीमत भी लगभग 2 लाख से शुरू होती है जो विजय सिंह के लिए खरीदना बहुत बड़ी बात थी इसके चलते विजय सिंह ने ठाना कि क्यों न सबसे कम खर्च और कम लागत का ट्रैक्टर बनाया जाए और इसके बाद विजय सिंह अपनी सोच को साकार करने में जी-जान से जुट गए।



विजय सिंह ने दिमाग चलाया और ऑटो के इंजन से खुद दो पहिए का देसी ट्रैक्टर बनाया जिससे हकाई, जुताई, रोटरवीटर जैसे काम कर सकते हैं। इस देसी जुगाड़ वाले ट्रैक्टर को बनाने के लिए तकरीबन 25 हजार का खर्च आया और उसके कुछ यंत्रों को बनाने के लिए करीब 8 हजार रुपए का खर्च आया। विजय सिंह की उम्र 55 साल है और 55 साल की उम्र में विजय सिंह ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है। 



ट्रैक्टर बनाने में विजय ने 2 माह लगाए। विजय सिंह के बनाये हुए ट्रैक्टर से 1 बीघा जमीन की हकाई करने में मात्र 3 घंटे लगते है और उसमें डीजल की खपत कम से कम आती है। 3 घंटे में ट्रैक्टर डेढ़ लीटर डीजल की खपत करता है। ट्रैक्टर में तीन पहिये का पैसेंजर ऑटो का इंजन लगाया गया है। जिसकी देसी जुगाड़ की हुई है विजय ने कबाड़ से इंजन खरीदा और मैकेनिक से चलने योग्य बनवाया। इसके बाद खुद ने चेसिस बनाया और उसपर इंजन को सेट किया गया।  

  • पानी देने के लिए इंजन को गैस से चलने के लायक बनाया। विजय सिंह का कहना है कि 5 हॉर्स पॉवर का इंजन डीजल से स्टार्ट कर गैस से चलने लगता है, 14 लीटर गैस से इंजन 58 से 62 घंटे तक चल जाता है । 
  • खेत मे तार फेंसिंग में लगाया करंट का उपकरण जिससे किसी भी जीव-जंतु को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन तार को छूने से लगता है हल्का झटका , इस उपकरण को बनाने में 4 हजार रुपए का खर्च आया। 


     
  • सब्जी की खेती करने के लिए पहली साल विजय सिंह ने टमाटर , लौकी , मिर्ची की खेती की , पहली साल विजय सिंह को टमाटर की कीमत कम मिलने से कुछ खास मुनाफा तो नही हुआ  लेकिन मिर्ची 200 रुपए किलो के भाव से विजय सिंह के सारे खर्चो को मुनाफे में बदल दिया ।  विजय सिंह को पहले वर्ष करें एक लाख पचास हजार रुपए का मुनाफा हुआ ।
  • विजय का कहना है कि मुझे हरी-भरी सब्जियों और पौधों से अब अधिक लगाव सा होने लगा है। में सभी छोटे किसानों को मेहनत करने के लिए हरी सब्जियों की खेती करने के लिए खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए आगे आना चाहिए।

 

 

 

 

 

 

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