MP में कर्ज़माफी के बाद भी किसान कर रहे आत्महत्या, क्या यह है वजह!

1/7/2019 2:48:56 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में नई सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने की दिशा में कदम तो उठा लिए है, लेकिन बावजूद इसके अन्नदाता की आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे। यूरिया का संकट, कर्ज, फसल की लागत न मिलना किसानों को खून के आंसू रूला रहा हैं। दिलचस्प बात है कि प्रदेश में सत्ता की बागडोर जब बीजेपी के हाथ में थी उस समय भी किसान कर्ज से परेशान था और कांग्रेस के राज में यूरिया से।

 


हालांकि कुछ किसानों ने यूरिया की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। किसानों का आरोप है कि 'मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी, इस लिए यहां यूरिया सप्लाई नहीं की जा रही'। हैरानी की बात है कि खुद को 'किसान हितैषी' बताने वाली सरकारों के राज में किसान परेशान है और आत्महत्या करने को मजबूर है। वहीं कमलनाथ का किसानों के लिए कर्जमाफी का तोहफा सभी को नहीं मिला। लिहाजा कर्जमाफी की श्रेणी में न आने वाले किसान खुद को मौत के घाट उतार रहे हैं। 


 

ये है कमलनाथ की कर्जमाफी योजना
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया कि किसानों का जून 2009 से 12 दिसंबर 2018 तक का कर्ज माफ किया जाएगा। 26 जनवरी तक तीन तरह के फॉर्म भी राष्ट्रीयकृत, सहकारी और ग्रामीण बैंकों में उपलब्ध कराए जाएंगे। 5 फरवरी तक ग्राम पंचायतों में ये फॉर्म बांटे जाएंगे। पहले 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया गया था। सरकार के इस नए फैसले से लगभग 35 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। वहीं टैक्स भरने वाले किसानों (जिनकी आय के दूसरे स्रोत भी हैं और टैक्स भरते हैं) को कर्जमाफी की स्कीम से बाहर रखा गया है।


 

इन किसानों को मिलेगा कर्जमाफी का लाभ
सिर्फ खेती के लिए उठाए कर्ज पर माफी मिलेगी। इसमें भी अगर किसान ने दो या तीन बैंक से कर्ज ले रखा है तो सिर्फ सहकारी बैंक का कर्ज माफ होगा। कर्ज माफी कुल दो लाख रुपये तक ही होगी। कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी। इससे लगभग 33 लाख किसान लाभान्वित होंगे। 

 

 

प्रदेश के किसानों पर है इतना कर्ज
प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। इसमें 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है। वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपये डूबत कर्ज (एनपीए) है।
 


 

इन किसानों को नहीं मिलगी राहत

  •  जिन किसानों की अपनी पंजीकृत कंपनी है और इसी के जरिए वो अपनी फसल बाजार में बेचते हैं, उनका ऋण नहीं होगा माफ।
  •  जिन किसानों को 15,000 रुपये तक की पेंशन मिलती है उनका लोन माफ नहीं किया जाएगा। हालांकि सेना से सेवानिवृत किसानों को इस नियम से बाहर रख कर राहत दी गई है।
  • अगर किसान ने कई संस्थाओं से ऋण लिया है तो किसी भी एक संस्था से लिया लोन ही माफ होगा।

 

 

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