'मैं दान की चीज नहीं, आपकी बेटी हूं,’ महिला IAS ने यह कहकर कन्यादान से किया इनकार

12/20/2021 1:46:08 PM

नरसिंहपुर(रोहित अरोरा): बेटी की शादी के वक्त हिंदू रीति रिवाजों में कन्यादान की रस्म एक पिता के लिए सबसे अहम मानी जाती है लेकिन मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव में एक महिला अफसर ने इस रस्म को निभाने से मना कर दिया। महिला जो आईएएस अफसर तपस्या परिहार ने शादी के वक्त पिता से कहा कि –मैं आपकी बेटी हूं कोई दान करने वाली चीज नहीं। उनकी शादी वैदिक मंत्रों के साथ और बाकी के पूरे रीति रिवाज से संपन्न हुई लेकिन कन्यादान की रस्म नहीं हुई। जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।

PunjabKesari

दरअसल, नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव की महिला IAS अफसर तपस्या परिहार ने की शादी IFS अधिकारी गर्वित गंगवार से शादी से होना तय हुआ था। तपस्या ने UPSC की परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल की थी। बचपन से ही उसके मन में ये सवाथ था कि वह अपने पिता की बेटी है उसे कैसे कोई दान कर सकता है। इसलिए उसने शादी में समाज के सारे बंधनों को तोड़ते हुए कन्यादान की रस्म को नहीं होने दिया, जिसकी वजह से यह शादी चर्चा में है। आईएएस तपस्या परिहार ने बताया कि इस बात को लेकर धीरे-धीरे उन्होंने अपने परिवार से चर्चा की। कन्यादान की रस्म न करने पर परिवार के लोग भी मान गए। फिर वर पक्ष को भी इसके लिए राजी किया और बिना कन्यादान दिए शादी हो गई।

PunjabKesari

आईएएस तपस्या परिहार का कहना है कि शादी दो परिवार को जोड़ती है, इसमें  छोटा या ऊंचा नीचा होना ठीक नहीं। फिर इसमें लड़की के दान करने की बात कहां से आ गई और क्यों किसी का दान किया जाए। वह समाज की इस सोच को बदलना चाहती थी। तपस्या ने बताया कि जब वह शादी के लिए तैयार हुई तो उसका पूरा परिवार भी इस बात के लिए राजी हो गया। उनकी शादी वैदिक मंत्रों के साथ और बाकी के पूरे रीति रिवाज से संपन्न हुई लेकिन कन्यादान की रस्म नहीं हुई।

PunjabKesari

वहीं तपस्या के पति IFS गर्वित भी बताते हैं कि कहते हैं कि तपस्या के विचारों से सहमत हूं। क्यों किसी लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है। चाहे मांग में सिंदूर भरने की बात हो या कोई ऐसी परंपरा जो ये सिद्ध करें कि लड़की शादीशुदा है। ऐसी रस्में लड़के के लिए कभी लागू नहीं होती और इस तरह की मान्यताओं को हमें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

PunjabKesari

वहीं तपस्या के पिता जो एक किसान है वह भी अपनी बेटी की शादी से खुश हैं। उनका मानना है कि इस तरह की रस्मों से लड़की को पिता के घर से और पिता की जायजाद से बेदखल करने की साजिश की तरह देखा जाता है।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Recommended News

Related News