देश में सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनेगी दिवाली, भस्म आरती के बाद फुलझड़ी जलाकर होगी पर्व की शुरुआत

10/21/2022 4:52:49 PM

उज्जैन(विशाल सिंह): देश में सबसे पहले ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रूप चौदस और दीपावली का पर्व एक साथ मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर को दीपावली के पर्व पर अल सुबह भस्म आरती के दौरान पण्डे पुजारी फुलझड़ी जलाकर भगवान के साथ दीपावली पर्व की शुरुआत करेंगे। इसी दिन रूप चौदस का पर्व भी रहने से अल सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को अन्नकूट के साथ पुजारी परिवार की महिलाएं महाकाल को उबटन लगाकर कर्पूर आरती करेंगी। जिसके बाद देश भर में दीपावली पर्व की शुरुआत होगी।

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आंगन में सोमवार को दीपावली पर्व मनाया जाएगा। रूप चौदस व अमावस्या एक ही दिन होने के चलते रूप चौदस को उबटन स्नान भी पुजारी परिवार की और से इसी दिन होगा। इसके बाद अन्नकूट लगाकर भस्म आरती के दौरान पण्डे पुजारी गर्भगृह में फुलझड़ी के साथ साथ कोटि तीर्थ पर प्रतीकात्मक फटाखे छोड़कर दीपावली पर्व मनाएंगे।

भस्म आरती के दौरान सबसे पहले महाकाल को पंचामृत स्नान कराने के बाद रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को केसर चंदन इत्र का उबटन लगाएंगी। पुजारी भगवान को गर्म जल से स्नान कराएंगे। कर्पूर से आरती होगी। साल में एक दिन रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान का रूप निखारने के लिए उबटन लगाकर कर्पूर आरती करती हैं। स्नान के बाद महाकाल को नए वस्त्र, आभूषण धारण कराकर आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद अन्नकूट भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।

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