मोतीलाल वोरा: प्लेन में कर रहे थे मंत्री पद की मांग, राजीव गांधी ने एयरपोर्ट पर ही बना दिया CM

12/21/2020 6:48:57 PM

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बेहद करीबियों में से एक थे, दो बार वे कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे। आज हम आपको बताएंगे मध्यप्रदेश के दो बार के सीएम रहे मोतीलाल वोरा के वो किस्से जिन्हें शायद आपने इससे पहले नहीं सुना होगा।

PunjabKesari, Motilal Vora, former Chief Minister, Motilal Vora, no more Motilal Vora, Congress, former Chief Minister, Bhopal, Madhya Pradesh

राजस्थान में जन्म, MP में शुरू की सियासत...
राजस्थान के जोधपुर में जन्म लेने वाले मोतीलाल वोरा ने अपनी सियासत की शुरुआत मध्यप्रदेश से की। शुरुआती दौर में घर का खर्च चलाने के लिए मोतीलाल मध्यप्रदेश में एक अखबार के पत्रकार बन गए। लेकिन पत्रकारिता में कुछ समय देने के बाद वे खुद सियासत में आ गए, और प्रजा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इस बीच पहली बार उन्होंने 1968 में दुर्ग जिले से पार्षदी का चुनाव लड़ा, और जीते भी। लेकिन मोतीलाल की सियासी पारी की असली शुरुआत 1972 में तब हुई जब मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने थे। उस वक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्वारिका प्रसाद मिश्रा दुर्ग में कांग्रेस के लिए एक अच्छा प्रत्याशी ढूंढ रहे थे। इस बीच उन्हें किसी ने सलाह दी की एक पार्षद है जो चुनाव आसानी से जीत सकता है लेकिन समस्या ये है कि वो कांग्रेस का नहीं बल्कि किसी दूसरी पार्टी का है। द्वारिका प्रसाद ने तत्काल ही कहा कि उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलवाओ, बस मोतीलाल वोरा का सियासी सफर यहां से शुरू हो गया।

PunjabKesari, Motilal Vora, former Chief Minister, Motilal Vora, no more Motilal Vora, Congress, former Chief Minister, Bhopal, Madhya Pradesh

1972 में पहली बार बने विधायक...
1972 में मोतीलाल वोरा कांग्रेस में शामिल हो गए, और जिसके लिए शामिल किए गए थे वो उन्होंने कर के भी दिखा दिया। दुर्ग सीट से चुनाव जीतकर वे विधानसभा के सदस्य चुने गए। लेकिन द्वारिका प्रसाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। इस बीच वोरा को राज्य परिवहन निगम का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, और कुछ समय बाद ही वे मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम को घाटे से फायदे में ले आए। उनके इस काम की जमकर सराहना भी हुई। इस बीच ठीक तीन साल बाद देश भर में 1975 में इमरजेंसी लग गई, औऱ जब 1977 में फिर विधानसभा चुनाव हुए तो मध्यप्रदेश में एक नई पार्टी की सरकार बनी, नाम था जनता पार्टी। इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज को करारी हार झेलनी पड़ी। लेकिन यहां भी मोतीलाल वोरा ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1980 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनी। तत्कालीन वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया। यही वो दौर था जब पहली बार मोतीलाल को मंत्री बनने का ख्याल आया और 1981 में वोरा को उच्च शिक्षा विभाग का राज्यमंत्री बना दिया गया। इस बीच मोतीलाल वोरा ने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व फैसले लिए, जो सही साबित हुए। वोरा के काम से अर्जुन सिंह सरकार की जमकर तारीफें हुई। अपने काम की फल मोतलाल वोरा को 1983 में मिला, अर्जुन सिंह ने उन्हें राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बना दिया।    

PunjabKesari, Motilal Vora, former Chief Minister, Motilal Vora, no more Motilal Vora, Congress, former Chief Minister, Bhopal, Madhya Pradesh

एयरपोर्ट पर ही बना दिए गए मुख्यमंत्री...
मोतीलाल वोरा के जीवन में साल 1985 एक टर्निंग पाइंट के रूप में सामने आया। इस बार भी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अर्जुन सिंह के नेतृत्व में जीत दर्ज की। अर्जुन सिंह दोबारा मुख्यमंत्री चुने गए। सीएम पद की शपथ लेने के बाद 10 मार्च को वह राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए। लेकिन वहां राजीव गांधी ने साफ शब्दों में कह दिया कि तुम मध्यप्रदेश में किन्ही दो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नाम बताओ, और पंजाब निकल जाओ। अर्जुन सिंह को यह फैसला मानना पड़ा क्योंकि ये फैसला हाईकमान का था। उन्होंने तत्काल ही अपने बेटे अजय सिंह को फोन किया कि वोरा को लेकर दिल्ली आ जाओ। अजय सिंह हवाई जहाज में अजय सिंह से सिफारिश करते रहे कि मुझे मंत्री पद चाहिए मुझे मंत्री बनवा दो। इस बीच मोतीलाल वोरा दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन पहुंचे, जहां पहले से ही कमलनाथ दिग्विजय सिंह उनका इंतजार कर रहे थे। इस बीच एक फोन आया और बताया गया की प्रधानमंत्री राजीव गांधी रूस जाने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा को लेकर तुरंत ही एयरपोर्ट पहुंच गए। प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वोरा को अपने पास बुलाया, और बोले- मोतीलाल जी अब आप मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभालेंगे। वोरा सीएम बने और 1988 तक उन्होंने ये पद संभाला। 1989 में दोबारा चुनाव हुए और फिर से सीएम बने मोतीलाल वोरा। लेकिन ठीक 11 महीनें के बाद 8 दिसंबर 1989 को वोरा ने सीएम पद की कुर्सी छोड़ दी।

PunjabKesari, Motilal Vora, former Chief Minister, Motilal Vora, no more Motilal Vora, Congress, former Chief Minister, Bhopal, Madhya Pradesh

कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने वाले थे वोरा ...
वर्ष था 2019, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई। राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कई वरिष्ठ नेताओं ने मोतीलाल वोरा को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाने की मांग की। लेकिन मोतीलाल वोरा की तबीयत खराब होने की वजह से एक बार फिर सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vikas Tiwari

Recommended News

Related News