पूर्व मंत्री का कबूलनामा- पहले कांग्रेस में ठेकेदारी, जेब भरने की संस्कृति और गुटबाजी का प्रभाव था

12/21/2020 2:10:54 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है। इसी बीच कांग्रेस की सिनियर नेत्री व पूर्व मंत्री साधौ का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने भाजपा के उन आरोपों पर मुहर लगा दी जिन्हें लेकर भाजपा हमेशा से कांग्रेस को घेरती आई है। पूर्व मंत्री ने स्वीकार करते हुए कहा कि पहले पार्टी सूबो में बटी होती थी, पहले कांग्रेस में ठेकेदारी चलती थी, जेब भरने की संस्कृति थी और गुटबाजी का प्रभाव था। लेकिन अब कांग्रेस में ऐसा नहीं होगा। साथ ही साथ उन्होंने भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा।

नगरीय निकाय चुनाव की तारीख जल्द घोषित होने वाली है। इसे लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं का इंदौर दौरा शुरू हो गया है। इसी कड़ी के प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री विजयलक्ष्मी साधो एक दिवसीय इंदौर दौरे पर आई, यहां पर कार्यकर्ता अपने हाथों में फाइल लेकर और अपना बायोडाटा लेकर दिखाई दिए और पैर पड़ने और फाइल आगे करने की राजनीति शुरू हो गई। कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के साथ ही साधो इंदौर में मीडिया से भी रूबरू हुई जहां उन्होंने आगामी निकाय चुनाव को लेकर कई मुद्दों पर अपनी राय रखी ।



प्रदेश के उपचुनाव में मिली हार और हार की समीक्षा कर निकाय चुनाव की रणनीति बनाने को लेकर साधो ने कहा कि, उपचुनाव में जो परिणाम आने थे वह आ नहीं पाए , मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ। अब नगरीय निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन कमलनाथ इसको लेकर चिंतित दिखाई दिए हैं। प्रदेश की आर्थिक राजधानी है इंदौर और यहां से पूरे प्रदेश को दिशा निर्देश भी जाते हैं, इंदौर में लंबे समय से हमारा कोई भी महापौर नहीं रहा है।  इंदौर हमारे लिए साख का सवाल है। वही इस बार टिकट वितरण को लेकर साधौ ने कहा कि पहले पार्टी सूबों में बटी हुई थी और पहले जेबों वाली संस्कृति थी, और ठेकेदारी प्रथा से ही पहले टिकट बांटी जाती थी, पिछले समय जो प्रदेश में हुआ उससे ठेकेदारी प्रथा समाप्त हो गई है। अब पीसीसीचीफ कमलनाथ सर्वे के आधार पर टिकट देंगे। गुण दोष के आधार पर ही अच्छे उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा।



बीजेपी साधा निशाना
साधौ ने कहा कि पिछले दिनों जो प्रदेश की राजनीति में हुआ और जिस तरह प्रजातंत्र का गला घोटा गया, मध्य प्रदेश की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ, और मध्य प्रदेश जैसी राजनीति यूपी बिहार या अन्य प्रदेशों में नहीं दिखी, प्रदेश की राजनीति निष्पक्ष और निष्कलंका थी, सौदागरों ने सौदा करके इस राजनीति की हत्या की, यह सौदे की सरकार है। वही भितरघातियों को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी में रहकर यदि कोई अन्तरघात करता है और ऐसी जानकारी लगती है तो उस पर कार्रवाई होना चाहिए, पार्टी के लिए यदि कोई वफादार नहीं है तो नेतृत्व उस पर कार्रवाई करेगा और इस बार बड़े नेतृत्व के आधार पर ही उम्मीदवारों को टिकट वितरण किया जाएगा। साथ ही महापौर के चयन को लेकर कहां की सर्वे के माध्यम से ही इस बार महापौर के उम्मीदवार का चयन होगा, सामूहिक जिम्मेदारी होगी उम्मीदवार चुनने के लिए, इस बार हमारा बेहतर परफॉर्मेंस रहेगा।

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