पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सिंधिया परिवार पर उठाए सवाल, कहा- उनके अपनाए चरित्र पर मुझे कोई अफसोस नहीं
3/10/2020 1:04:17 PM
भोपाल (इजहार हसन खान): सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देते ही अब वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी सिंधिया पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट करते हुए सिंधिया परिवार के इतिहास पर ही बड़ा हमला बोला है।
आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है ।@ANI @PTI_News @ians_india @aajtak @ZeeNews @HindiNews18
— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) March 10, 2020
दरअसल पूर्व मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है। सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी, आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है। कांग्रेस नेता ने आगे लिखा है कि ‘आने वाला वक़्त अपने स्वार्थों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किए गए ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पाई सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों - मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखाएगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है ।
— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) March 10, 2020
सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,
वहीं कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने भी इशारों इशारों में सिंधिया परिवार पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है। तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है’
एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है..।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) March 10, 2020
- तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है....
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद से मध्यप्रदेश कांग्रेस के तमाम नेता उनपर हमलावर हैं, हालांकि बड़ा सवाल तो ये है कि क्या अब मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बचेगी, क्योंकि सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे दिए जाने की भी पूरी संभावना है।