PM अटल से लेकर CM शिवराज तक, 13 के फेर ने छीनी कुर्सी
12/15/2018 4:34:28 PM
भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद बीजेपी सत्ता से बाहर हुई और कांग्रेस की वापसी हुई। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बीच 13 वर्षों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी ने बुरी तरह से पराजित किया था और उस वक्त उमा भारती को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री पद का प्रभार शिवराज सिंह को दे दिया गया। तब से लेकर 2018 तक शिवराज ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन इसी वर्ष के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
अगर इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो अंक 13 बीजेपी के लिए अशुभ रहा है। 1996 में बीजेपी की सरकार गिरने से महज 13 दिनों में ही अटल बिहारी वाजपेयी की कुर्सी चली गई थी। इसके बाद पुन: 1998 में वाजपेई की सरकार अपने 13 महीनों के कार्यकाल के बाद गिर गई और फिर से वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 13 वर्षों बाद मुख्यमंत्री पद से दूर हो गए।
1996 में महज 13 दिनों में ही छिनी अटल से PM की कुर्सी
1996 में हुए आमचुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन भाजपा को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। इसी बीच अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन 13 दिन बाद 1 जून 1996 को बहुमत साबित न कर पाने के कारण यह अल्पमत की सरकार गिर गई और अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा।
1998 में 13 महीनों के लिए प्रधानमंत्री बने अटल
यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। वर्ष 1998 के आम चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था लेकिन, AIADMK के समर्थन से एनडीए ने केंद्र में सरकार बनाई थी। करीब 13 महीने के बाद अप्रैल 1999 में स्व. जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने वाजपेयी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार अल्पमत में आ गई। इसके बाद राष्ट्रपति ने सरकार को अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा और इसके लिए वाजपेयी सरकार को विश्वास प्रस्ताव पेश करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद 17 अप्रैल 1999 को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जब वोटिंग हुई तो बीजेपी की सरकार महज एक वोट से हार गई और सरकार गिर गई। इस तरह से एक बार फिर 13 के फेर में फंसकर वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिर गई।
13 वर्षों बाद शिवराज सिंह से छिना मुख्यमंत्री पद
ताजा मामला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है। 30 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले शिवराज सिंह को 2018 में 11 दिसंबर को आए नतीजों में हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी को 230 में से 109 सीटें ही मिली। वहीं कांग्रेस 114 सीटें जीतकर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनी। इस तरह तेरह के फेर में फंसते हुए शिवराज सिंह चौहान भी 13 वर्षों के बाद मुख्यमंत्री पद से दूर हो गए।
13 दिन में अटल बिहारी वाजपेयी पहली सरकार गिरी फिर और प्रधानमंत्री पद भी गया, इसके बाद पुन: 1999 में 13 महीनों के बाद अटल के नेतृत्व में बीजेपी को दूसरी बार सत्ता से हाथ धोना पड़ा और एक बार फिर अटल के हाथ से पीएम का पद गया। वहीं 2018 में 13 साल बाद शिवराज भी मुख्यमंत्री पद गवां बैठे, तो इस तरह कहीं न कहीं अंक 13 बीजेपी के लिए अशुभ ही साबित हुआ है।