मालामाल कर देगा महालक्ष्मी का यह मंदिर! प्रसाद में मिलते हैं सोने चांदी के आभूषण

11/3/2021 12:25:05 PM

रतलाम(समीर खान): मध्य प्रदेश के रतलाम में धन की देवी महालक्ष्मी के साथ अष्टलक्ष्मी विराजमान वाला देश का एकमात्र मंदिर मध्यप्रदेश के रतलाम के माणक चौक में है,  इस मंदिर में दीपावली पर्व पर 5 दिन की सजावट भी सोने-चांदी और रुपए पैसों से होती है। यहां देश भर से भक्त माता के दर्शन करने पहुंचते हैं। मंदिर को सजाने के लिए भक्त ही अपने सोने चांदी हीरे जवाहरात के साथ साथ नकदी प्रदान करते हैं। खास बात यह कि मंदिर में प्रसाद के रुप में सोने चांदी के सिक्कों समेत कई तरह के आभूषण भी मिलते हैं। मंदिर की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध किए  जाते है। इस वर्ष नकदी और जेवरात लेने  की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो गई है।



जी हां देश व दुनिया में दीपावली के समय हीरा, पन्ना मोती सहित करोड़ों रुपए की नगदी चढऩे के मामले में ख्यात हो चुके रतलाम शहर के माणकचौक स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर हजारों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। माना जाता है कि अतिप्राचीन मंदिर में सच्चे मन से किए गए दर्शन से जीवन से जुड़ी हर बाधा दूर होती है। इसलिए इस मंदिर में हर साल दर्शन करने के लिए भक्तों  की संख्या बढ़ती जा रही है।

शहर की स्थापना के दौरान ही इसका निर्माण किया गया था। शहर के बीचोबीच बने श्री महालक्ष्मी मंदिर शहर ही नहीं जिले का प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थान है। माता के मंदिर में अष्ट लक्ष्मी की भी प्राणप्रतिष्ठा की हुई है। दीपावली पर दर्शन करने के लिए देश के कई राज्यों के भक्त यहां आते हैं। मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व तत्कालीन रियासत के राजा रतनसिंह ने करवाई थी।

श्री महालक्ष्मी मंदिर अपने भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां पर कई प्रकार के संकट लेकर भक्त आते हैं। अपनी मनोकामना मां को बताते है और समाधान होने पर फिर से प्रसन्नता के साथ आकर खीर का प्रसाद चढ़ाते हैं। इस मंदिर में इन प्राचीन प्रतिमाओं के अतिरिक्त श्री अष्टलक्ष्मी की प्रतिामाएं भी है। ऐसा मध्यप्रदेश में यह एकमात्र मंदिर है जहां श्री महालक्ष्मी के साथ साथ अष्टलक्ष्मी भी हो इनमे श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी, श्री संतान लक्ष्मी, श्री वीर लक्ष्मी, श्री विजया लक्ष्मी, श्री अधी लक्ष्मी, श्री धान्य लक्ष्मी, श्री लक्ष्मीनारायण, श्री धन लक्ष्मी की प्रतिमाएं है। इनकी भी भक्त नियमित पूजन करते हैं।

माणक चौक स्थित व्यापारी संघ प्रतिवर्ष दीपावली पर हीरा, पन्ना, मोती, नगदी आदि से माता के मंदिर को सजाता है। दो वर्ष से कारोना के चलते ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन अब कोरोना कम हो गया है, तो प्रशासन ने इस वर्ष मंदिर को सजाने की अनुमति दे दी है, लेकिन कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए यह मंदिर शासन के अधीन है।

सजाने के लिए भक्तों ने अपने आभूषण और नकदी 28 अक्टूबर से दान देना शुरू कर दिया है। इसके लिए भक्तजन को अपना एक पासपोर्ट फोटो भी साथ लाना होगा। सभी भक्तजन जो नकदी और आभूषण प्रदान करने आएंगे सभी की एक रजिस्टर में एंट्री की जा रही है। सुरक्षा के लिए मंदिर में सी सी टी वी कैमरे सहित पुलिस बल तैनात रहता है।

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This news is Content Writer meena