जिस बक्सवाहा में हीरों के लिए काटें जाएंगे लाखों पेड़, वहां अकेले शख्स ने लगाएं 2200 से ज्यादा पेड़...
Friday, Jun 25, 2021-08:34 PM (IST)

छतरपुर(राजेश चौरसिया): गर्मियों के समय में जब सूखा नजर आता है तो राहगीर एक छाव की तलाश में होते है, तब उनको सड़क पर पेड़ की जो हरियाली छांव दिखती है। वह छांव गोपी आदिवासी के प्रयास और कई साल की अथक मेहनत का परिणाम है। एक ओर जहां गोपी आदिवासी ने अकेले 2200 से ज्यादा पेड़ लगा दिये और उन्हें सहेजे रखा तो वहीं शहरों में पेड़ लगा फोटो खिंचाकर लोग भूल जाते हैं तो वहीं गोपी ने सहेजने का जिम्मा लिया और और जिंदा रखे अपने लगाये पेड़ों को जो आज बड़े होकर लोगों को जीवनदान दे रहे हैं। खास बात यह कि यह वही बक्सवाहा है जहां हीरों के लिए लाखों पड़े काटे जाने की खबरें आ रही हैं।
बता दें कि गोपी आदिवासी मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बकस्वाहा अंतर्गत मझगुवा-वदन गांव एक आदिवासी है जो PWD में महज श्रमिक मजदूर थे। उनके परिवार में पत्नी श्यामरानी, 4 लड़की एवं 2 लड़के हैं।
जानकारी के मुताबिक हर साल लाखों पेड़ लगाए जाते हैं, लेकिन इनमें से कितने पौधे पेड़ बनकर तैयार हो पाते हैं, इसकी जानकारी असल में उन्हें ही नहीं होती जो इन्हें लगाते हैं। आमतौर पर पेड़ लगाकर उसे भूल जाते हैं। या मिल ही नहीं पाती है, और लोग ऐसे लोगों के लिए बक्सवाहा के गोपी आदिवासी एक उदाहरण हैं।
जो अपने लगाये पेड़ों को सहेजने का भी जिम्मा रखते हैं। जिन्होंने साल 40 साल पहले बक्सवाहा-बम्होरी मार्ग पर पेड़ लगाने की शुरूआत की और रोड के दोनों तरफ 5 किलोमीटर की छाव बना दी।