जिनके घर कांच के होते हैं, वे दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं मारते...दिग्विजय सिंह के आरोपों पर गोविंद सिंह राजपूत का करारा जवाब
Thursday, Dec 26, 2024-07:20 PM (IST)
भोपाल : आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर राजनीति चर्म पर है। सरकार जहां लोकायुक्त कार्रवाई को लेकर अपनी पीठ थपाथपा रही है, वहीं विपक्षी नेता सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर घेर रहे हैं। इसी कड़ी में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के आरोपों पर अब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि जिसके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं मारा करते है। बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि हर चीज का जवाब देना जरूरी नहीं है। दिग्विजय की प्रेस कॉन्फ्रेंस को कोई गंभीरता से नहीं लेता है। उनकी बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। दिग्गी की कांग्रेस सरकार थी, उस समय के वन मंत्री उमंग सिंघार ने अपनी सरकार के ऊपर क्या क्या आरोप लगाए थे। उमंग सिंघार ने क्या क्या कहा था, यह सोशल मीडिया पर आज भी है।
गोविंद राजपूत ने आगे कहा कि बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। जिसके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरे के घर पत्थर नहीं मारते है। जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। इन्वेस्टिगेशन टीम स्वतंत्र होकर काम करती है, किसी के अंडर में काम नहीं करती है।
बता दें कि हाल ही में सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर में मिली अथाह संपत्ति और भोपाल के जंगल में मिले 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मामले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि “कांग्रेस की सरकार के समय कमलनाथ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का इतना दबाव था कि परिवहन विभाग गोविंद राजपूत को दिया जाए। यह दबाव क्यों था, ये ज्योतिरादित्य सिंधिया बताएंगे। परिवहन में नियुक्ति के लिए कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था जिसके जरिए नियुक्ति होती थी।”
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि, “सरकार गिरने पर सिंधिया ने सबसे पहले कमलनाथ के गठित बोर्ड को खत्म करवा दिया गया था। नाके के लिए बोली लगती थी। जो ज्यादा बोली लगाता था, उसे चेक पोस्ट मिलता था। फिर सौरभ शर्मा कटर लगाकर पैसे बांटता था। मेरे पास जो जानकारी समाने आई है, इसमें चार लोग शामिल थे। जिसमें संजय श्रीवास्तव ऑर्डर करवाते थे, RTI वीरेश, दशरथ सिंह पटेल और सौरभ शर्मा वसूली करते थे। चारों की गिरफ्तारी कर मामला दर्ज करना चाहिए। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस होना चाहिए। दुबई में सौरभ शर्मा है और दुबई में यह नहीं पूछा जाता कि पैसा कहां का है? इसलिए वहां रियल स्टेट में पैसा लगाया गया होगा।”
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा था कि “मैंने आज तक इतना बड़ा भ्रष्टाचार नहीं देखा। अब ये बात सामने आ रही है कि परिवहन विभाग के अंदर किस तरह से चेक पोस्ट की नीलामी हो रही थी और एक कटर सौरभ शर्मा का नाम सामने आया है। मेरे पास जानकारी आ रही हैं कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया था। लोकायुक्त और पुलिस की कारवाई के बीच आयकर विभाग नहीं आता तो शायद कार्रवाई नहीं होती। इस बीच उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।