पिता की याचिका पर HC ने दिया नवजात बच्चे का DNA करवाने का आदेश, ये है पूरा मामला?
1/27/2021 6:56:48 PM
ग्वालियर (अंकुर जैन): हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक फौजी की याचिका पर उसके नवजात का डीएनए टेस्ट करवाने का आदेश दिया है। फौजी का आरोप है कि उपनगर मुरार स्थित कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल में आईवीएफ तकनीक से उसकी संतान हुई थी, अस्पताल ने पहले परिवार के लोगों को बेटा बताया और बाद में डिस्चार्ड टिकट पर फीमेल बताकर नवजात लड़की थमा दी।
अस्पताल में बच्चा बदलने का ये सनसनीखेज आरोप मंजू तोमर नामक महिला ने लगाया है। महिला का पति आर्मी में कार्यरत है। इन दिनों उसकी ड्यूटी लद्दाख में है। जानकारी के मुताबिक मंजू तोमर को पहले एक लड़की हुई थी।
लड़के की चाह में दंपत्ति ने करवाया था आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण
लड़के की चाह में दंपत्ति ने कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल से डॉक्टर्स की देखरख में आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण करवाया था। फौजी के अधिवक्ता का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन 70,000 रुपये और लेने के लिए उन पर दबाव बना रहा था। जब उन्होंने पैसे देने में आनाकानी की तो बच्चे को गंभीर रूप से बीमार बताते हुए उसका इलाज करने के बदले में दंपत्ति को लड़की थमाने का आरोप लगाया है।
अस्पताल प्रबंधन पर मंजू ने अपना बच्चा बदलने का आरोप लगाया। कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच सीएमएचओ से करवाई गई थी। जांच में इसे क्लेरिकल मिस्टेक बताया गया। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि डीएनए टेस्ट से साफ हो जाएगा कि बच्चे के माता-पिता कौन हैं।
5 फरवरी को बच्चे का पिता देगा अपना DNA
बच्चे का पिता 5 फरवरी को अपना डीएनए देने के लिए ग्वालियर आएगा। कोर्ट ने सीएमएचओ को निर्देशित किया गया है कि वह 5 फरवरी को पिता और बच्चे का डीएनए सैंपल लेकर उसे गुजरात की लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजे। मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।