70वां गणतंत्र दिवस मुबारक, पढ़ें- 26 जनवरी को ''स्वतंत्रता दिवस'' से लेकर ''गणतंत्र दिवस'' मनाने की पूरी कहानी

1/25/2019 7:20:17 PM

भोपाल: 26 जनवरी को देशभर में 70वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया था। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की आजादी के 18 वर्षों बाद तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। क्योंकि 1950 को हिंदुस्तान पूर्ण गणराज्य बन चुका था। 



 

आइए जानते हैं कारण

भारत को भले ही आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली हो लेकर भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और इस तरह भारत एक पूर्ण गणराज्य बना था। वैसे तो संविधान 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन दो महीन इंतजार के बाद कुछ जरूरी संसोधन करके इसे 26 जनवरी को लागू किया गया। हालांकि संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी को चुने जाने का कारण यह था कि वर्ष 1930 में 26 जनवरी को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 'पूर्ण स्वराज' का ऐलान कर दिया था। 





कब शुरू हुई राष्ट्र को गणराज्य बनाने की मांग

गणतंत्र राष्‍ट्र के बारे में 31 दिसंबर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में विचार किया गया था। जिसके लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन भी किया गया। इसी बैठक में हिस्सा लेने वाले लोगों ने पहले 26 जनवरी को 'स्‍वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाने की शपथ ली थी, ताकि ब्रिटिश राज से पूरी तरह की स्वतंत्रता के सपने को पूरा किया जा सके। इसके बाद लाहौर अधिवेशन में ही 'नागरिक अवज्ञा आंदोलन' की एक रूपरेखा तैयार की गई और फैसला लिया गया कि भारत 26 जनवरी 1930 को 'पूर्ण स्‍वराज दिवस' के रूप में मनाएगा। वहीं इसी दिन देश का झंडा भी फहराया गया और 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की शपथ भी ली गई थी।

हालांकि भारत तो 15 अगस्त 1947 को ही आजाद हो चुका था, लेकिन जब 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया, तब भारत को अपनी ताकत का अहसास हुआ। हिंदुस्तान के संविधान को बनने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। अत: भारत इस दिन पूर्ण गणराज्य बन गया। इसलिए यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि सही मायने में भारत को आजादी 26 जनवरी 1950 में ही मिली। जिसके बाद इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 





कैसे बना भारत का संविधान
 
आपको बता दें कि भारत देश की आजादी के पहले से ही संविधान निर्माण की बात चलने लगी थी। इसकी शुरुआत 1857 की क्रांति के बाकी सिपाहियों ने ही कर दी थी। लेकिन जब तक भारत का संविधान बनता उससे पहले ही विद्रोह समाप्त हो चुका था। जिसके कारण संविधान बनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इसके बाद 1935 में अंग्रेजों के द्वारा 'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट' बनाया गया, जिसे भारतवासियों ने पसंद नहीं किया। इसी के बाद मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच कड़वाहट बढ़ने लगी। 

इसके बाद डॉक्टर तेज बहादुर सप्रू ने सन 1945 में सभी पार्टियों की समहति से संविधान का प्रारूप तैयार किया। लेकिन विस्टन चर्चिल जो कि उस वक्त प्रधानमंत्री थे, चुनाव में उनकी हार हो गई, और नए प्रधानमंत्री क्लेमेंट अट्टेली बने। प्रधानमंत्री बनते ही क्लेमेंट अट्टेली ने मुस्लिम लीग और नए संविधान को अलग-अलग अधिकार देने के लिए काम शुरू कर दिया। जिसके लिए कैबिनेट से तीन लोगों को भेजा गया। 

इसके लिए शिमला में एक बैठक की गई और कांग्रेस की तरफ से तत्तकालीन अध्यक्ष मौलाना अबुल कलाम आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल और खान अब्दुल गफ्फर खां थे। तो दुसरी तरफ मुस्लिम लीग में मोहम्मद अली जिन्ना, लियाकत अली खान, सरदार नीशतर और अन्य प्रमुख लोग थे। लेकिन यह बैठक विफल हो गई, और कैबिनेट मिशन असफल रहा। 

लेकिन कुछ समय बाद ही दोबारा इस विषय पर चर्चा की गई और 16 जून 1946 को कैबिनेट मिशन प्रस्ताव पारित हुआ। प्रस्ताव का मुख्य आधार था कि दोनों देशों को विभाजित कर दिया जाए। उसके बाद नया संविधान बनना तय हुआ। 3 जून 1947 को घोषणा की गई की भारत, बंगाल और पंजाब का विभाजन होगा। इसके बाद जब 14 जुलाई 1947 को जब बैठक हुई तो उस बैठक में मुस्लिम लीग के लोग भी शामिल हुए थे। इसी बैठक के दौरान देश के तिरंगे को भी प्रस्तुत किया गया था। 


इसके बाद देश दो भागों में टूट चुका था और 15 अगस्त 1947 को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लालकिले पर झंडा फहराया। लेकिन अभी भी देश पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो पाया था, क्योंकि भारत का संविधान अभी भी अधूरा था। लेकिन कड़े संघर्षों के बाद पूरे दो साल 11 महीने और 18 दिन के बाद 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत का संविधान बनकर तैयार हो पाया। अब भारत पूरी तरह से आजाद हो चुका था। इसके बाद से ही 26 जनवरी को पूरा हिंदुस्तान गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगा। 



भारतीय संविधान के मुख्य तथ्य

  • 26 जनवरी 1950 को 10:18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था।
  • बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है।
  • गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी।
  • भारतीय संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं।
  • पूर्ण स्वराज दिवस 26 जनवरी 1930 के कारण ही भारतीय संविधान को 1950 में 26 जनवरी के दिन लागू किया गया था।
  • जिस दिन संविधान बनकर तैयार हुआ उसे संविधान दिवस जो 26 नवंबर के तौर पर मनाया जाता है।
  • गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
  • भारतीय संविधान में वर्तमान समय में कुल 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भाग हैं।
  • संविधान का बनाने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
  • संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई।

Vikas kumar

This news is Vikas kumar