गोडसे का महिमामंडन करने हिंदू महासभा निकालेगी यात्रा, महात्मा गांधी पर की यह आपत्तिजनक टिप्पणी

3/13/2021 4:35:06 PM

ग्वालियर(अंकुर जैन): महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर हिंदू महासभा अपनी प्रस्तावित दिल्ली यात्रा पर अडिग है। इसके लिए उसने दो चार पहिया वाहन और एक बस को दिल्ली के लिए किराए पर बुक किया है। रविवार को यह यात्रा दिल्ली के लिए कूच करेगी। हिंदू महासभा के विभिन्न प्रांतों से आए नेताओं ने दौलतगंज स्थित पार्टी कार्यालय में एक बैठक की जिसमें उन्होंने प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद अपने यात्रा निकालने का दावा किया।

यात्रा के लिए अनुमति की जरुरत नहीं
हिंदू महासभा के राष्टीय महासचिव देवेंद्र पांडेय का कहना है कि हमें किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। हम देश के महान सपूत और अखंड भारत की कल्पना के प्रणेता नाथूराम गोडसे की यात्रा निकालने जा रहे हैं जो दिल्ली में अगले दिन यानी सोमवार को समाप्त होगी। इसमें 17 प्रांतों के हिंदू महासभाई नेता शामिल होंगे। पहले यह सब ग्वालियर आने वाले थे लेकिन अब रास्ते की परेशानियों के चलते सीधे दिल्ली पहुंचने का निर्णय लिए हैं।

गांधी जी हत्या नहीं वध हुआ था
हिंदू महासभा का कहना है कि नाथूराम गोडसे एक महान देशभक्त थे उन्हें आतंकवादी या हत्यारा कहना सरासर ग़लत है। उन्होंने लाखों हिंदुओं के कत्लेआम का विरोध किया था। इसी बात को लेकर उनकी गांधी जी से अनबन थी।  गुजरात से आए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय सचिव  देवेंद्र पांडे ने  एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि गांधी जी की हत्या नहीं की गई थी बल्कि उनका वध किया गया था। जब उनसे पूछा कि वध तो राक्षस का होता है तो उन्होंने कहा कि लोग जो भी समझे लेकिन गांधीजी ने राष्ट्र हित में देश का बंटवारा करके गलत किया था। इसलिए उनका अंजाम यही होना था।

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय सचिव देवेंद्र पांडे से जब उनके पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में जाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा का कार्यकर्ता अब राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी को भी गांधीजी के रास्ते पर चलना छोड़ सावरकर के रास्ते पर चलना चलने के लिए प्रेरित करेंगे। हिंदू महासभा ने 15 नवंबर 2017 को अपने दौलतगंज स्थित पार्टी कार्यालय पर उनकी प्रतिमा का अनावरण कर ना सिर्फ आरती उतारी थी बल्कि उसकी प्राण प्रतिष्ठा भी की थी मामले ने जब तूल पकड़ा तो प्रशासन ने गोडसे की प्रतिमा को जप्त कर उसे कोतवाली थाने में रखवा दिया तब से यह प्रतिमा कोतवाली में जप्त है। पहले हिंदू महासभा ने गोडसे के साहित्य और उनसे जुड़े तथ्यों को लेकर दिल्ली जाने की यात्रा के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें कोई लिखित अनुमति नहीं दी है। बावजूद इसके हिंदू महासभा के नेता गौर से यात्रा निकालने के अपने फैसले पर अडिग हैं।

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