कोरोना ठीक हुआ तो ब्लैक के साथ व्हाइट फंगस से संक्रमित हुआ शख्स, जानिए क्या है लक्षण

5/23/2021 9:27:26 PM

ग्वालियर(अंकुर जैन): ग्वालियर में ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस ने दी दस्तक दे दी है। शनिवार को जेएएच में ब्लैक फंगस का शिकार होने की शिकायत लेकर पहुंचा युवक व्हाइट फंगस का भी शिकार निकला। शहर में यह पहला ऐसा मामला है, जब एक ही मरीज में दोनों तरह के फंगस पाए गए हैं। डबरा के रहने वाले इस युवक का नाम दीपक (25) है। जेएएच के ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीपी नार्वे और उनकी टीम ने दोनों फंगस का ऑपरेशन कर साइनस से निकाल दिया। उसे कुछ समय पहले कोरोना हुआ था। कोरोना संक्रमण से उभरने के बाद उसकी आंखों में सूजन और दर्द रहने लगा। डॉक्टर को दिखाया तो ब्लैक फंगस की आशंका जताई गई। ब्लैक फंगस के ऑपरेशन के दौरान ही पता चला कि उसे व्हाइट फंगस की समस्या भी है। उधर जेएएच में शनिवार को इलाज के दौरान ब्लैक फंगस के शिकार चार लोगों ने दम तोड़ दिया। इन्हें मिलाकर यहां ब्वैक फंगस से मरने वालों की संख्या पांच हो गई है। मरने वालों में लाला सिंह दतिया, चेतन ग्वालियर, श्रीराम ललितपुर और रनजू निमाडी शामिल हैं। इससे पहले रमा शर्मा की मौत हो चुकी है। जिले में ब्लैक फंगस के शिकार मरीजों की संख्या 70 पर पहुंच गई है। इनमें 34 के ऑपरेशन हुए हैं। 8 मरीजों की आंख निकालनी पड़ी है।



जीआरएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. संजय धवले के मुताबिक अनियंत्रित डायबिटीज, कैंसर, किडनी के रोगी और अंग प्रत्यारोपण करा चुके लोगों में व्हाइट फंगस के संक्रमण की ज्यादा संभावना रहती है। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। ब्लैक फंगस को म्यूकरमायकोसिस कहते हैं और व्हाइट फंगस को कैंडिडा कहते हैं। ब्लैक और व्हाइट फंगस उन लोगों को होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। दोनों बीमारियां घातक हैं। अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो ये ठीक हो सकती हैं। कोरोना के साथ इन बीमारियों के भी केस बढ़े हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण शुगर का बढ़ना, देखने में आ रहा है। इससे बचना है तो कोरोना के रोगियों को सुबह और शाम अपनी शुगर चैक करनी चाहिए। डायबिटीज का लेवल 200 से नीचे रखने के साथ ही अनावश्यक एंटीबायोटिक के सेवन से भी बचना चाहिए।

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This news is Content Writer meena