MP Election: प्रदेश को मिला 'हाथ का साथ', तो कौन बनेगा मुख्यमंत्री ?

12/11/2018 7:23:37 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना के नतीजे आने चालू हो गए हैं। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि, मध्य प्रदेश में कौन सी पार्टी सरकार बना सकती है। लेकिन रुझानों का झुकाव कांग्रेस की ओर ज्यादा है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि, अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा। कमलनाथ या सिंधिया ? मध्यप्रदेश में दोनो ही पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं। एक राजनीतिक प्रबंधन में और दूसरा भीड़ खींचने में माहिर है। ऐसे में ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि, कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हैं।

हालांकि चुनाव अभियान समिति की कमान जरूर सिंधिया के हाथों में रही। लेकिन कमलनाथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं, सीनियर लीडर हैं। लेकिन कांग्रेस हाईकमान अभी तक सिंधिया और कमलनाथ को लेकर कोई फैसला लेने की जल्दबाजी नहीं कर रहा है। दोनों नेताओं ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए सब कुछ राहुल गांधी के ऊपर छोड़ दिया है। 

मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ की ताकत...
कमलनाथ पिछले 9 सालों से छिंदवाड़ा जिले से सांसद रहे हैं। वे प्रदेश में चुनावी रणनीति और चुनाव प्रबंधन में भी सबसे ज्यादा माहिर हैं। कमलनाथ उम्र में भी सिंधिया से काफी बड़े हैं और उनके पास अनुभव भी ज्य़ादा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का छिंदवाड़ा के अलावा पूरे महाकौशल क्षेत्र में दबदबा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के 6 महीने पहले ही कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद से कमलनाथ ने राज्य में कांग्रेस की किस्मत ही पलट कर रख दी। राहुल गांधी का वो फैसला कमलनाथ की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी का एक बड़ा संकेत भी माना गया। 


 
मुख्यमंत्री पद के लिए सिंधिया की ताकत...
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से 4 बार सांसद रहे हैं। सिंधिया मध्यप्रदेश में चुनावी रैलियों का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं। सिंधिया भीड़ इकट्ठा करने में भी माहिर माने जाते हैं। हालांकि वे कमलनाथ से 25 साल छोटे हैं और कमलनाथ की अपेक्षा इन्हें अनुभव भी कम है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का चंबल और मालवा इलाके में खासा असर है। लोकसभा में राहुल गांधी के बगल में बैठने वाले सिंधिया भी मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए युवाओं के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। यही कारण है कि सिंधिया ने शिवराज को हर रैली में बड़ी चुनौती दी। 

दोनों नेताओं की तुलना की जाए तो एक बात तो कॉमन है कि, दोनों ही राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं। लेकिन कमलनाथ का पलड़ा सिंधिया से थोड़ा भारी है क्योंकि, प्रदेश में कड़ी पकड़ रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अक्सर कमनलाथ के साथ ही देखे जाते हैं। वहीं सिंधिया से दिग्विजय के बीच मतदान के कुछ दिनों पहले अनबन की खबरें आई थी। हालांकि दोनों नेताओं ने ही इन खबरों का खंडन किया था। मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इन दोनों ही नेताओं में किसी एक का चयन करना होगा जो कि आसान नहीं होगा।

Vikas kumar

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