वन देवी मंदिर में श्रद्धालुओं से ज्यादा दिखते हैं कबूतर, नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता(video)

10/21/2020 5:40:35 PM

सरगुंजा(वेद तिवारी): नवरात्रि के दिन हो और मां के दरबार पर भक्तों की भीड़ न हो ऐसा संभव नहीं है। लेकिन छत्तीसगढ़ के सरगुंजा में एक ऐसा मंदिर है जहां साल भर मंदिर में चहल पहल बनी रहती है। खास बात चहल पहल इंसानों से कहीं ज्यादा जानवरों की होती है। जहां इंसानों से ज्यादा कबूतर, हाथी, वन पक्षी देखने को मिलते हैं। आस्था, श्रद्धा और विश्वास की इस देवी का नाम है वन देवी।

PunjabKesari

कोरोना काल के दौरान नवरात्रि के इस पावन पर्व में देवी देवताओं के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति देखते ही बनती है। एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना का दौर है तो वहीं दूसरी तरफ भक्तों की देवी मां के लिए अटूट भक्ति लेकिन वनदेवी के मंदिर के मंदिर में भक्तों की आस्था सिर चढ़कर बोल रही है। वनदेवी का यह अद्भुत मंदिर अंबिकापुर शहर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

PunjabKesari

15 एकड़ वनों से घिरा हुआ वनदेवी के मंदिर में न जाने कितने श्रद्धालु मन की मनोकामना लेकर आते है और मनोकामना पूरी होने के बाद भेंट चढ़ाते हैं। यहां के पुजारी का कहना है कि वन देवी की उत्पत्ति आकस्मिक हुई है। देवी मंदिर में श्रद्धालु की मनोकामनाएं लेकर आते हैं और पूरी होने पर देवी को सप्रेम भेंट चढ़ाते हैं।
 
PunjabKesari

वनदेवी मंदिर के बाजू में एक विशाल पत्थर है जो हूबहू हाथी के जैसा दिखाई देता है। स्थानीय लोग इसे हाथी पखना कहते हैं। पत्थरों से निकली हुई वन देवी की प्रतिमा में लोगों की भारी आस्था है, जिसके कारण हर साल नवरात्र में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। हालांकि इस बार वैश्विक महामारी के चलते लोगों की भीड़ कम जरुर हुई है बावजूद लोगों की श्रद्धा और आस्था वनदेवी मंदिर में देखने को बनती है।

PunjabKesari

वन देवी मंदिर को फिर से पहचान देने के लिए वन विभाग ने अवैध लकड़ी की कटाई पर रोक लगाया और 15 एकड़ के मैदान में वृक्षारोपण कराकर वन तैयार कर दिया जिसके कारण आज शहरी और ग्रामीणों क्षेत्रों के भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

meena

Recommended News

Related News