जबलपुर अस्पताल अग्निकांड: डायरेक्टर्स पर 8 लोगों की गैर इरादतन हत्या का केस, हॉस्पिटल का मैनेजर हिरासत में...

8/2/2022 2:00:54 PM

जबलपुर: जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकांड को लेकर अस्पताल के डायरेक्टर्स और मैनेजर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। अस्पताल में आग लगने से 8 लोग जिंदा जल गए। कईयों ने अस्पताल की खिड़कियों से कूदकर जान बचाई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। अब तक की जांच में अस्पताल में बहुत सी कमियां पाई गई है। इसलिए डायरेक्टर्स और मैनेजर को हादसे का जिम्मेदार माना गया है। जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के मैनेजर को हिरासत में लिया गया है। वहीं डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल, डॉ. संतोष सोनी और मैनेजर राम सोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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जांच जारी और कई जिम्मेदारों पर गिर सकती है गाज

जिला SP ने बताया कि हादसे को लेकर जांच जारी है। यदि परमिशन देने वाले सरकारी अफसर इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार होंगे तो उनके खिलाफ भी FIR की जाएगी। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी अतुल जैन, आग में झुलसे देवलाल वरकड़े और हल्की बाई के बयानों के आधार पर विजय नगर पुलिस ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुरेश पटेल और डॉ. निशांत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

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डेकोरेशन में लगी प्लास्टिक से भड़की आग

अब तक की जांच के बाद अस्पताल में कई कमियां पाई गई है। जहां तक कि अस्पताल ने नर्सिंग होम के लिए जो फायर NOC ली थी, उसकी वैधता मार्च 2022 में समाप्त हो गई थी। अस्पताल में आग बुझाने के लिए यंत्र नहीं लगे थे और न ही रेत की बाल्टियां थीं। अस्पताल से बाहर जाने के लिए एक ही रास्ता है और इमरजेंसी में बाहर निकलने के लिए कोई अतिरिक्त रास्ता नहीं है। जबकि कल हादसे में आग मेन गेट पर ही भड़की इसलिए लोग बाहर नहीं निकल सके। खास बात यह कि अस्पताल प्रशासन ने बिल्डिंग के सौंदर्यीकरण के लिए जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल किया था, उसी से आग भड़की और समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। फिलहाल पुलिस ने अस्पताल को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया है। किसी को भी अस्पताल के अंदर आने जाने की इजाजत नहीं है। रात में भी यहां पुलिस का कड़ा पहरा रहा। फॉरेंसिक की टीम भी आग के कारणों की जांच कर रही है।

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ये रही आग लगने की वजह

जांच में यह बात भी सामने आई कि नगर निगम और CMHO ने अस्पताल प्रबंधन को फायर सेफ्टी को लेकर पत्र भी लिखा था, लेकिन प्रबंधन ने इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रबंधकों ने इलेक्ट्रिसिटी सेफ्टी ऑडिट भी नहीं कराया था। इसके साथ ही अस्पताल के लोड और जनरेटर के लोड में अंतर था। इस वजह से वायर में शॉर्ट सर्किट हुआ।


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Content Writer

meena

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