सिंधिया की मेहमाननवाजी से कैलाश को परहेज ! कांग्रेस बोली- यह MPCA की लड़ाई
8/18/2020 3:01:55 PM
इंदौर(सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का मध्य प्रदेश दौरा भले ही राजनीतिक नजरिए से अपना महत्व रखता हो लेकिन इस यात्रा दौरान इंदौर आकर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात न होना कई सवाल को भी जन्म देता है। पार्टी में तो सिंधिया की एंट्री हो गई लेकिन भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जिनका सिंधिया से बहुत पुराना राजनीतिक द्वेष था वे उन्हें अपना पाए हैं? क्योंकि सिंधिया का इंदौर आना और पूर्व सांसद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन एवं कैलाश विजयवर्गीय के घर जाना उनके कार्यक्रम का हिस्सा था। लेकिन मेहमान के घर आने से पहले ही कैलाश विजयवर्गीय कलकत्ता रवाना हो गए। इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने अपने ट्विटर पर सिंधिया पर तंज कसते हुए सवाल खड़े किए हैं।
पहले श्रीअंत का फ़ोटो अपने बेटे के बराबर होर्डिंग में लगवाया और आज घर आ रहे श्रीअंत के स्वागत के लिये बेटे को लगाया और ख़ुद कलकत्ता रवाना हो गये।
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 17, 2020
जबरन मेहमान बनो तो क्या करे..
वाह कैलाश जी...
दोस्ती भी जमकर और अदावत भी जमकर...
MPCA का हिसाब और ताई से नज़दीकी,भाई कैसे भूलेंगे।
नरेंद्र सलूजा ने ट्विटर पर सिंधिया के स्वागत को लेकर टिप्पणी करते हुए लिखा कि सिंधिया के बराबर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पुत्र और विधानसभा 3 के विधायक आकाश विजयवर्गीय पोट्रेट में उनके साथ खड़ा कर दिया। लेकिन जब घर में उनके स्वागत की बात हुई तो खुद विजयवर्गीय कोलकाता के लिए रवाना हो गए।
“ आँच अगर उसूलों में आये तो टकरा जाना चाहिये “
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 17, 2020
सम्मान की दुहाई देने वाले श्री अंत का ऐसा हुआ सम्मान ?
मेहमान घर पर और मेज़बान नदारद ?
कहाँ अलग से राजसी ठाठ से बैठते थे और अब कहाँ लाकर समर्थकों के साथ बैठा दिया ?
ऐसा झटका दिया कि चेहरे का नूर पूरा उड़ा दिया.... pic.twitter.com/1vMddMAFLc
वहीं एक अन्य ट्वीट कर सलूजा ने महाराज पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा झटका दिया कि चेहरे का नूर पूरा उड़ा दिया। कहां सिधिया शाही तरीके से ठाट से बैठकर भोजन करते थे और कहां उन्हें कार्यकर्ताओं के साथ आम आदमी की तरह भोजन कराया गया।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खास माने जाने वाले नरेंद्र सलूजा जब तक सत्ता में कांग्रेसी तब तक थी मीडिया में नजर आ रहे थे सरकार के जाते ही इनकी भी दुकान मंगल हो गई है हो सकता है कैलाश विजयवर्गीय सिंधिया को लेकर बातें करने से इनका वकार भी कुछ ऊंचा उड़ जाए