कांग्रेस मुख्यालय पर कमलनाथ ने किया ध्वजारोहण, लोकतंत्र व संविधान की रक्षा का लिया संकल्प

8/15/2020 12:39:32 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र व संविधान की रक्षा का संकल्प लेकर स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को याद करते हुए नमन किया। इस अवसर पर विजयगीत ‘विजय विश्व तिरंगा प्यारा’ और राष्ट्र-गान ‘जन-गण-मन’ का गायन हुआ। प्रदेश के नागरिकों, कांग्रेसजनों के नाम संदेश भी दिया। इस दौरान यहां कमलनाथ अपने 15 महिनों के कार्यकाल का हिसाब देते नजर आए, वहीं इशारों इशारों में संविधान व लोकतंत्र को बीजेपी से खतरे का आरोप भी लगाया।




कमलनाथ ने अपने संबोधन में भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले व अन्य कांग्रेस नेताओं को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार आज पूरी दुनिया में नजीर बने हुए है। पंडित जवाहर लाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, सरदार पटेल, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, विपिन चंद्र पाल, पं. मोतीलाल नेहरू, डाॅ. राम मनोहर लोहिया, मौलाना अबुल कलाम आजाद, बाबू जगजीवन राम, लाल बहादुर शास्त्री, डाॅ. भीमराव अम्बेडकर, सरोजनी नायडू, आचार्य कृपलानी ऐसे महान नेता थे, जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलकर एक क्रूर शासन को परास्त किया। सरदार भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद ,रामप्रसाद बिसमिल, राजगुरू, रानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती, टंट्या भील, बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारियों की कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता। स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी और स्व. श्री राजीव गांधी का बलिदान देश के नव-निर्माण में अनुकरणीय है।



वहीं कमलनाथ ने इशारों ही इशारोें में भाजपा पर संविधान से छेड़छाड़ का आरोप लगाया और कहा कि आज देश के सामने कई चुनौतियां हैं और सबसे बड़ी चुनौती देश के लोकतंत्र और संविधान की अस्मिता को बचाये रखना है। देश में दल बदल कानून होने के बावजूद ऐसी नई परिस्थितियां पेश हुईं, जिससे जनता द्वारा बहुमत से चुनी सरकारों को अस्थिर करने का काम न केवल मप्र में बल्कि अनेक प्रदेशों में किया गया है। संविधान और लोकतंत्र की भावनाओं के विपरीत मप्र में जो घटनाक्रम हुआ उससे प्रजातंत्र के मूल्यों पर प्रहार हुआ है, प्रजातंत्र की हत्या की गई। महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश आजाद हुआ। प्रजातंत्र के ढांचे में संविधान बना। बाबा साहब अंबेडकर ने जब संविधान बनाया तो उन्होंने नैतिक एवं सैद्धांतिक राजनीति के प्रावधान रखे थे। लेकिन आज संविधान खतरे में हैं इसकी तस्वीर आपके सामने है। वहीं उन्होंने माफिया और मिलावटखोरों को मध्यप्रदेश की पहचान बताकर उनके खिलाफ अभियान चलाने का श्रेय लिया।


नाथ ने आगे कहा कि 15 महीने की सरकार में हमें 12 महीने काम करने का अवसर मिला। महामारी कोरोनाकाल में प्रदेश के आम नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा के लिए जो गंभीर प्रयास किए जाने थे, हमें दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसके लिए वर्तमान सरकार द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाये गए, जो प्रवासी मजदूर बाहर प्रदेशों से आए है, उन्हें रोजगार देने में वर्तमान सरकार असफल हुई है। कोरोना महामारी के इस दौर में कर्ज माफ न होने के कारण किसान, बिजली के लंबे-चौड़े बिलों के कारण आम नागरिक और हित लाभ न मिलने पर कर्मचारी वर्ग परेशान है। आज प्रदेश की जनता दोहरी मार झेल रही है जिससे उसका सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 



वहीं उन्होंने रामभक्ति को लेकर कहा कि हम एक ऐसे देश में रह रहे है जिसमें सर्वधर्म समभाव (सभी धर्मों का आदर करना) और वसुधैव कुटुम्बकम् (पूरा विश्व एक परिवार हैं) की सनातनी आस्था को स्वीकार किया है। हमने भगवान राम के मंदिर के निर्माण का स्वागत करते हुए पूरे प्रदेश में भगवान राम की पूजा अर्चना की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस अवसर पर कांग्रेस पदाधिकारीगण सर्वश्री सांसद दिग्विजयसिंह, पूर्व सांसद.सुरेश पचौरी, रामनिवास रावत, एन.पी. प्रजापति, सेवादल अध्यक्ष रजनीश सिंह ठाकुर, कांग्रेस पदाधिकारीगण चंद्रप्रभाष शेखर, प्रकाश जैन, राजीव सिंह, भूपेन्द्र गुप्ता, रवि सक्सेना, जे.पी. धनोपिया, विभा पटेल, मांडवी चौहान, गोविंद गोयल, कैलाश मिश्रा, आसिफ जकी, दुर्गेश शर्मा, आनंद तारण सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं नागरिक उपस्थित थे।

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