खुफिया एजेंसियों की विफलताओं का परिणाम थी कारगिल घुसपैठ- मोहिंदर पुरी

1/14/2019 6:37:56 PM

भोपाल: सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मोहिंदर पुरी ने कहा कि पाकिस्तानी घुसपैठ सैन्य खुफिया सहित भारत की सभी खुफिया एजेंसियों की असफलता का परिणाम थी। कारगिल युद्ध के दौरान द्रास-मसको सेक्टर से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खाली कराने का जिम्मा सेना के जिस 8 माउंटेन डिविजन को सौंपा गया था, पुरी उसके प्रमुख थे।
 



कार्यक्रम के दौरान मोहिंदर पुरी ने पाकिस्तानी घुसपैठ का जिक्र करते हुए कहा कि 'वह मई 1999 का पहला हफ्ता था, जब 3 इन्फैन्टरी डिविजन को सूचना मिली कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पार की है और भारतीय इलाके में बटालिक सेक्टर में घुस आये हैं। बाद में पता चला कि घुसपैठ बहुत बड़े इलाके में हुई है।' इसके बाद उन्होंने कहा कि 'इस घटना में पाकिस्तान का मकसद कश्मीर विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना, कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा को बदलना, सियाचिन को अलग-थलग करने के लिए श्रीनगर से लेह तक रोड को रोकना एवं कारगिल के खाली बेस पर कब्ज़ा कर वहां उग्रवादियों के लिए नया बेस बनाना था, ताकि हिमाचल प्रदेश में प्रवेश किया जा सके।' 




सेवानिवृत्त मोहिंदर पुरी ने आगे कहा कि 'उन्हें नियंत्रण रेखा को बहाल करने और द्रास-मसको सेक्टर में NH1-डी राष्ट्रीय राजमार्ग साफ कराने का जिम्मा दिया गया था।' इसके बाद उन्होंने कहा कि 'कारगिल विजय का पूरा श्रेय नौजवान अफसरों को जाता है जिन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए बड़ी बहादुरी से जंग लड़ी और देश को इतनी बड़ी जीत दिलाई।' 

Vikas kumar

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