अपनी प्रजा का हाल जानने निकले राजा महाकाल, घर बैठे कीजिये शाही सवारी के दर्शन (VIDEO)

8/2/2021 6:01:11 PM

उज्‍जैन: श्रावण माह के दूसरे सोमवार पर ठीक शाम 4 बजे बाबा महाकालेश्‍वर पालकी में मनमहेश व हाथी पर चंद्रमौलेश्वर के स्‍वरूप में भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चना शासकीय पुजारी पं.घनश्‍याम शर्मा ने संपन्न की। इस दौरान सबसे पहले भगवान श्री महाकालेश्‍वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया।  इसके पश्‍चात भगवान की आरती की गई। इस अवसर पर पूजन में कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल, मंदिर प्रशासक व एडीएम नरेंद्र सुर्यवंशी व अन्य परिवार संग शामिल हुए।

पूजन के पश्चात पालकी को कंधा देकर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने आगे बढ़ाया। मंदिर के मुख्य द्वार पर बाबा को शासकिय सम्मान गार्ड ऑफ ओनर दिया गया। कोरोना काल के चलते सवारी मार्ग में सिर्फ पण्डे पुजारी कहार की मौजूदगी रही तो वहीं लॉ आर्डर के लिए पुलिस की चप्पे चप्पे पर तैनाती की गई। सवारी में इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालू शामिल नहीं हो सके।



मंदिर के मुख्य द्वार से क्षिप्रा तट तक सांस्कृतिक कला कही जाने वाली भव्य रंगलोगी के.वि पंड्या द्वारा बनाई गई। वहीं सवारी मार्ग पर रेड कारपेट बिछाया गया और रंगबिरंगे झंडे लगाए गए। सवारी के आगे आगे आतिशबाजीयां की गई। रंगोली में कोरोना महामारी से बचने के लिए कई तरह के संदेश भी दिए गए जिसकी शुरुआत तोप की आवाज और केसरिया ध्वज लहराते हुए की गई। उसके पश्चात पुलिस बैण्ड द्वारा सुंदर सी धुन बजा कर बाबा का स्वागत किया गया। महाकालेश्वर मंदिर से सवारी हरसिद्धि मंदिर के सामने से होकर नृसिंह घाट पर झालरिया मठ होते हुए रामघाट पहुंची।



रामघाट पर पहुंचने के पश्चात भगवान महाकालेश्वर का मां शिप्रा के पवित्र जल से विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद भगवान का विधि-विधान से पूजन व आरती की गई।  आरती के पश्चात भगवान महाकालेश्वर की सवारी परिवर्तित मार्ग से होती हुई हरसिद्धि मन्दिर मार्ग पहुंची। जहां हरसिद्धि मन्दिर आगमन पर मन्दिर के पुजारियों द्वारा भगवान महाकालेश्वर की आरती की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा रंग, गुलाल उड़ाये गये। यहां से भगवान महाकाल की सवारी शाम 6 बजे पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। मंदिर के पुजारी ने बताया कि आज सावन के पहले सोमवार पर पालकी में मनमहेश व चंदमोलेश्वर रूप में बाबा ने भक्तों को दर्शन लाभ दिए हैं, और भक्तों ने अपने जीवन को धन्य किया।

meena

This news is Content Writer meena