चीता, बाघ और तेंदुआ...तीनों को लेकर अगर आप है कन्फ्यूज तो जानिए अंतर...इस खूबी के लिए जाना जाता है चीता

9/17/2022 1:16:48 PM

भोपाल: चीता, तेंदुआ, बाघ...बहुत से ऐसे लोग है जो इन तीनों में डिफरेंस को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। तो चलिए आज आपको इन तीनों वन्य प्राणियों में अंतर की बारिकियों को समझाते हैं। बाघ, चीता और तेंदुआ लगभग एक जैसा ही दिखता है। सब में कॉमन बात यह है कि ये बिल्ली प्रजाति के हैं। हालांकि इनमें बहुत से अंतर होते हैं। इनके शरीर की बनावट इनके रहन सहन और बहुत से ऐसे खूबियां है जो इन सबको एक दूसरे से अलग करती है। खासकर इनके शरीर के ऊपर बनी धारियों को देखकर इन्हें पहचाना जा सकता है।



तेंदुआ- तेंदुए बड़ी बिल्लियों में सबसे छोटे होते हैं, तेंदुआ चीते से ज्यादा भारी, मजबूत और ताकतवर होता है। तेंदुए अकसर रात में शिकार करते हैं। क्योंकि इन्हें दिन में शेर और बाघ के हमले का डर रहता है। यह मीडियम साइज वाले जीवों का शिकार करता है। तेंदुए भारत और अफ्रीका में मिलते हैं। तेंदुए का वजन लगभग 100 किलोग्राम होता है। 6.2 फीट लंबे तेंदुओं की गति 58 KM प्रतिघंटा होती है। तेंदुए अपनी अत्यधिक ताकत का उपयोग शिकार पर घात लगाकर उसको पकड़ने में करते हैं। शिकार को मारने के बाद ये अकसर पेड़ पर ले जाते हैं और वहां खाते हैं।

चीता- चीता एक बिग बिल्ली प्रजाति का बड़ा जानवर है। ये तेज रफ्तार से दौड़ने वाले जानवरों में से एक होता है। इनकी गति 72 मील प्रति घंटा की होती है, लेकिन ये 10 मिनट से ज्यादा नहीं दौड़ पाते हैं। लेकिन जब ये फुल स्पीड में दौड़ रहा होता है तो इसकी छलांग 7 मीटर लंबी यानी 23 फीट लंबी छलांग लगा सकता है। यह स्पीड वह महज 3 सेकंड में हासिल कर लेता है। इससे भी बड़ी खासियत यह कि उसे शिकार के लिए केवल 20 सेकंड चाहिए होते हैं। दौड़ते वक्त इसका शरीर हवा में रहता है। बाघ के मुकाबले चीता बहुत पतला होता है और इसका सिर भी काफी छोटा होता है। इनकी कमर भी बेहद पतली होती है। चीता के शरीर पर काले धब्बे और चेहरे पर काली धारियां होती हैं। जो आंखों के भीतर से नीचे मुंह तक जाती हैं। चीता शेर और बाघ की तरह दहाड़ नहीं पाता। ये बिल्लियों की तरह गुर्राते या फुफकारते हैं। चीते को रात को देखना मुश्किल होता है। इसलिए ये ज्यादातर दिन में शिकार करना पसंद करते है जब शेर ज्यादा सक्रिय नहीं होते हैं।

बाघ- बाघ को बिल्ली फैमिली की सबसे बड़ी बिल्ली कहा जा सकता है। बाघ को इसके शरीर पर दिखाई देने वाली धारियों से आसानी से पहचाना जा सकता है। इसका वजन जंगल के राजा शेर से भी ज्यादा होता है। ये शेर की तुलना में काफी लंबे, ज्यादा मस्कुलर होते हैं। बाघों के पंजे बहुत मजबूत होते हैं और ये बहुत ज्यादा एक्टिव और फुर्तीले होते हैं। बाघों को अकेले शिकार करना ज्यादा पंसद होता है। बाघों की खासियत है कि यह पानी में भी तैरना जानते हैं।

आज मध्य प्रदेश के कुनों नेशनल पार्क में 70 साल बाद चीते की एंट्री हुई है। प्रदेश को पहले ही टाईगर स्टेट के नाम से जाना जाता है। अब नामीबिया से चीतों के आ जाने से इसे लेपर्ड स्टेट के नाम से भी जाना जाएगा। चीतों ने  24 लोगों की टीम के साथ 70 साल बाद देश की धरती पर चीतों ने कदम रखा। PM मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में तीन बॉक्स खोलकर चीतों को आजाद किया।

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This news is Content Writer meena