कानून की पढ़ाई की बारीकियां जानिए प्रोफेसर रामप्रकाश चौबे से...पंजाब केसरी Exclusive

8/23/2020 4:30:14 PM

जबलपुर(विवेक तिवारी): भारत में युवाओं का सपना IAS IPS बनने का तो शुरू से होता है लेकिन अब युवाओं में लॉ क्षेत्र में भी क्रेज बढ़ता जा रहा है। चाहे वह सिविल जज, एडीजे या फिर एडीपीओ की परीक्षा हो इस ओर लगातार विद्यार्थी मेहनत कर रहे हैं। वहीं इस क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं तो वही एलएलबी करने के बाद वकालत की ओर भी इनका रुझान बेहद बढ़ा है। आज इंजीनियरिंग करने की वजह लोग 5 साल का बी ए एल एल बी कोर्स या फिर ग्रेजुएशन करने के बाद एलएलबी करके विधि क्षेत्र में कैरियर बनाने की ओर बढ़ रहे हैं और बेहतर सफलता कैसे मिल सकती है? किस तरह से हम प्रतियोगिता में आगे बढ़ सकते हैं? इसके लिए प्रॉपर गाइडलाइन होना बेहद जरूरी है। बिना मार्गदर्शन के जो अध्ययन होता है, वह कई बार सफलता नहीं दिलाता है। लिहाजा हमारे लिए लॉ क्षेत्र में क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं और कैसे विद्यार्थी आगे बढ़ सकते हैं?
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इसको लेकर प्रोफ़ेसर रामप्रकाश चौबे से साक्षात्कार किया प्रोफेसर चौबे ने बताया कि देखा जा रहा है कि इस दौरान विधि क्षेत्र में असंख्य अवसर आ चुके हैं और बच्चे भी लगातार इस ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन सिविल जज एडीजे की परीक्षा पास करने के लिए मेहनत करने की बेहद जरूरत होती है। वकालत भी आसानी से नहीं चलती लिहाजा जो भी करना चाहिए वह मन ही लगाकर करना चाहिए। प्रोफेसर चौबे ने बताया कि सिविल जज की परीक्षा में प्री मेंस और साक्षात्कार 3 चरण होते हैं। तीनों ही चरण बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यानी कि हमें जो प्री का सिलेबस होता है उसके अनुसार पहले तो तैयारी करना चाहिए और कोशिश होना चाहिए कि हम सिविल जज मुख्य परीक्षा की तैयारी भी करें। इसका मन एलएलबी करते वक्त ही बना ले जिससे कि एग्जाम अटेंड करते समय हमें विषय का बेहतर ज्ञान रहेगा और हम जल्दी सफलता प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि कानून की शिक्षा में संविधान का ज्ञान बेहद जरूरी है।
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किस सेक्शन में किस बात का विवरण दिया गया है और किस अपराध की ओर इंगित करना है और हमें पूरी जानकारी होना चाहिए केस स्टडी मटेरियल में भी हमारी बेहतर रुचि होना चाहिए। मेंस की परीक्षा में तो गहनता से अध्ययन होना चाहिए जिससे कि हम बेहतर ढंग से इस के संदर्भ को जोड़ कर बेहतर मुख्य परीक्षा में लिख सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रोफेसर चौबे ने यह भी कहा कि असफलता नाम की तो कोई चीज होती ही नहीं है। कई बार देखा जाता है कि लगातार असफलताओं से लोग हताश हो जाते हैं लेकिन यह असफलता भी आपको कुछ ना कुछ देकर जाती है। यह जरूरी नहीं कि सभी सिविल जज ही बन जाए सिविल जज नही बन पाए तो एग्जाम की तैयारी करते समय जो आपके अनुभव मिलते हैं। उसको ही आधार बनाकर आप बेहतर ढंग से वकालत कर सकते हैं।

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व्यवसायिक क्षेत्र में आप सीएस की ओर भी जा सकते हैं। यानी कि लॉ क्षेत्र में आपको सब कुछ मिलेगा खोना कुछ नहीं है। प्रोफेसर चौबे ने यह भी कहा कि लगातार प्रयास करने से सफलता जरूर मिलती है। सकारात्मक सोच के साथ करें तैयारी प्रोफेसर चौबे ने कहा कि हमें सकारात्मक सोच के साथ किसी भी एग्जाम की तैयारी करना चाहिए तो हमें सफलता जरूर मिलती है। कई बार असफलताओं से हम निराश हो जाते हैं लेकिन हमें सफलता के लिए सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए। किसी भी तरह से हताश नहीं होना है और मार्गदर्शन के साथ हमें आगे बढ़ना है। इस तरह आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं।


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meena

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