सत्ता परिवर्तन के दौरान बेदाग रहा लालजी टंडन का दामन, यादगार रहेगा 11 महीने का कार्यकाल

7/21/2020 12:58:44 PM

भोपाल: राज्यपाल लालजी टंडन ने 85 वर्ष की उम्र में मेंदाता अस्पताल में आज सुबह साढ़े पांच बजे आखिरी सांस ली। वे मध्य प्रदेश के 28वें राज्यपाल थे। उनके 11 महीने के कार्यकाल में मध्य प्रदेश की राजनीति में बहुत से उतार चढ़ाव आए। कोरोना की वजह से मध्य प्रदेश में लॉकडाउन, कमलनाथ सरकार का गिरना और शिवराज सरकार का सत्ता में आने भले ही देशभर में चर्चा का विषय रहा हो लेकिन इन सबसे हटकर राज्यपाल लालजी टंडन का दामन बेदाग रहा। चाहे सत्ताधारी हो या विपक्ष किसी ने भी उनकी भूमिका को लेकर सवाल खड़े नहीं किए।



कमलनाथ की विदायगी और शिवराज की सत्तावापसी में लालजी टंडन की भूमिका रही सराहनीय
सरकार किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन जिस तरह से लालजी टंडन ने संवेधानिक दायरे में रहकर काम किया है यह पूरे देश में काबिले तारीफ रहा। इसी साल मार्च में सत्ता परिवर्तन के दौरान राज्यपाल की कार्यशैली चर्चा का विषय बनी। विधानसभा अध्यक्ष और राजभवन के बीच हुए पत्र व्यवहार मीडिया में छाए रहे। जब तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल को सीधे पत्र लिखने लगे तो लालजी टंडन ने उनसे पूछा था कि सीधे पत्राचार किस आधार पर किया जा रहा है। 22 विधायकों के इस्तीफे को लेकर भी उनकी भूमिका बेदाग रही।



कोरोना काल में रहे सक्रिय
टंडन के 11 महीने के कार्यकाल में लोगों के लिए राजभवन के लिए द्वार आम जनता के लिए खोल दिए गए। लॉकडाउन में हर दिन करीब 1500 परिवारों को भोजन की व्यवस्था करवाई गई। इस दौरान लालजी टंडन खुद रसोईघर में पहुंचकर भोजन व्यवस्था का जायजा भी लिया। राजभवन में प्रतिदिन 100 पैकेट भोजन तैयार होता था। इस दौरान राज्यपाल ने सभी मोहल्ला और उत्सव समिति के अध्यक्षों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में समाज के वंचित वर्ग की सहायता करें और खुद भी सेवाभावी कार्य से देश और समाज के प्रति अपना कर्तव्य पूरा करने का आश्वासन दिया।



राजभवन में पहली बार हुआ था कन्यापूजन
इसके अलावा राजभवन में ऐसा पहला मौका था कि नवरात्रि के मौके पर कन्याभोज कराया गया और राज्यपाल ने कन्याओं का पूजन किया। राज्यपाल ने समाज के सभी वर्गों की 60 से अधिक कन्याओं का टीका किया और उन्हें चुनरी भेंट की। कन्याओं को स्वादिष्ट भोजन के साथ चाकलेट और ज्यामेट्रिक बॉक्स उपहार स्वरूप देकर एक अनोखी मिसाल पेश की।



राजभवन में बनवाया ग्रीन हाउस
इसके अलावा और भी कई बदलाव किए गए। राजभवन में ग्रीन हाउस बनवाया गया। जैविक खेती, पशुपालन नस्ल सुधार और डेयरी को लेकर खूब बढ़ावा दिया। किसानों को नई तकनीक सीखने राजभवन आने का न्यौता दिया। राजभवन में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के लोगों को बुलाकर खुला संवाद करवाया गया। 

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