दशहरे पर रावण का दहन नहीं धूमधाम से होती है पूजा, लंकापति करते हैं हर इच्छा पूरी

10/16/2021 12:36:00 PM

राजगढ़(सुनील सरावत): देश भर में जहां दशहरे पर रावण दहन किया गया वहीं मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का एक गांव ऐसा भी जहां दशहरा पर्व के दिन रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है बल्कि इस दिन पूरे गांव वाले मिलकर रावण  व कुंभकरण की पूजा अर्चना करते हैं और मन्नत भी मांगते हैं। यह परंपरा पिछले 150 सालों से चली आ रही है।



राजगढ़ जिले का यह छोटा सा गांव राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा मुंबई पर ब्यावरा के नजदीक बसा हुआ है जिसका नाम भाटखेड़ी है। गांव में सड़क किनारे ही रावण और कुंभकरण की प्रतिमाएं बनी हुई है जो देखने में भी बेहद सुंदर हैं जिनकी पूजा ग्रामीण हर दशहरे पर करते हैं। दशहरा का पर्व ग्रामीणों के लिए उत्सव की तरह होता है। जहां पूरा गांव पूजा अर्चना करता है।



क्या बच्चे, क्या बूढ़े और महिलाएं सब यहां पर मन्नत मांगने के लिए आते हैं। बाद में यहां पर रामलीला का मंचन भी होता है। ग्रामीणों का मानना है कि रावण की पूजा अर्चना करने से गांव में खुशहाली बनी रहती है तथा गांव पर किसी तरह की कोई भी मुसीबत नहीं आती।



गांव के ही अशोक यादव ने बताया कि इसको लेकर वह दशहरे से कुछ दिनों पूर्व से तैयारियां भी करते हैं। इस आयोजन में पूरा गांव शामिल होता है।

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