श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड: पांचों दोषियों को उम्रकैद, फैसले पर रो पड़े पिता, कहा-हाइकोर्ट जाउंगा

Tuesday, Jul 27, 2021-02:11 PM (IST)

सतना(रविशंकर पाठक): सतना जिले के चित्रकूट में ढाई साल पहले हुए 6 वर्षीय जुड़वा भाईयों के अपहरण और हत्या के मामले में माननीय न्यायालय ने 5 आरोपियों को सजा सुना दी है। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से एक ने सेंट्रल जेल सतना में फांशी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 886 दिन से विचाराधीन मामले में सप्तम न्यायाधीश प्रदीप कुशवाह की अदालत ने इस बहुचर्चित मामले पर पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया है, तो वही पीड़ित पक्ष ने अदालत से फांसी की उम्मीद की थी। पीड़ित पक्ष इस फैसले से असंतुष्ट नजर आया और हाई कोर्ट में अपील करने की बात भी कही है।

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श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में 12 फरवरी 2019 को एक ऐसा हत्या कांड हुआ था, जिसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 साल के मासूम जुड़वा बेटों प्रियांश और श्रेयांस का दिन दहाड़े स्कूल परिषर में स्कूल बस से कट्टे की नोक पर अपहरण कर लिया गया था। एक करोड़ की फिरौती मांगी गई थी और 20 लाख रूपए देने के बाद भी आरोपियों ने दोनों मासूमों को मौत के घाट उतार यमुना नदी के अघौसी घाट में पत्थर बांधकर फेंक दिया था।

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इस जघन्य अपराध के छह आरोपी चिन्हित किए गए थे, जिसमें से एक आरोपी ने जेल के अंदर ही पूर्व में खुद को फांसी लगा ली थी। तो वही पांच आरोपीओं पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी। आपको बता दें कि श्रेयांश और प्रियांश यह दोनों मासूम जुड़वा भाई थे जो चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के कुल का चिराग थे। जिन्हे चंद पैसों की लालच में इन दोनों मासूमों का दिनदहाड़े स्कूल बस से उतारकर अपहरण कर लिया गया था, पीड़ित परिवार से आरोपियों ने एक करोड़ की फिरौती की मांग की थी। परिवार ने प्रारंभिक 20 लाख रुपए भी दिए। बाबजूद इसके हत्यारों ने दोनों जुड़वा भाइयों को मौत के घाट उतार दिया था। यही नहीं लाशों को पत्थर से बांधकर यमुना नदी में फेंक दिया।

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माननीय न्यायालय ने आज 26 जुलाई को मामले पर फैसला सुनाते हुए घटना के पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। ये सजा अलग अलग मिलेगी। फैसले में आरोपी पद्मकान्त शुक्ला, राजू द्विवेदी और लकी तोमर को अदालत ने धारा 302 और धारा 364 A, 328 के तहत दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं विक्रम और अपूर्व यादव को 120 B और 364 A, 328 के तहत उम्र कैद की सजा मुकर्रर की है। 

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वही प्रियांश और श्रेयांश के पिता बृजेश रावत न्यायालय के इस फैसले से असंतुष्ट नजर आए उन्होंने कहा कि हमने न्यायालय से इस जघन्य अपराध के आरोपियों के खिलाफ फांसी की सजा की उम्मीद लगाई थी जो पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने यह भी कहा कि मौत की सजा के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम उच्च न्यायालय हाई कोर्ट में अपील करेंगे। वही इस मामले में केस की पैरवी करने वाले वकील भी असंतुष्ट नजर आए और हाई कोर्ट की शरण मे जाने की बात की।


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Content Writer

meena

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