कोरोना ने छीनी महिलाओं के होठों से लिपस्टिक, आधे दाम में बेचने को मजबूर दुकानदार

5/22/2020 12:51:18 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): कोरोना क्या आया लोगों का घरों से निकलना ही बंद हो गया। लॉकडाउन मतलब सब कुछ बंद। सभी मांगलिक कार्य जैसे शादी, जन्मदिन पार्टियां, किटी पार्टी, बिजनेस पार्टी सब पर फुलस्टॉप सा लग गया। न कोई उमंग न कोई तरंग ऐसे में अधिकतर महिलाओं ने सजना संवरना ही बंद कर दिया। बड़ी बात यह है कि यदि घर से बाहर निकलना ही है तो मास्क लगाकर। इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर महिलाओं के सबसे खूबसूरत सौंदर्य प्रसाधन लिपस्टिक बिजनेस पर हुआ है।



लिपस्टिक लगाने का क्या औचित्य...
महिलाओं/युवतियों की मानें तो महामारी के इस भीषण काल में जहां हर वक्त चेहरे और मास्क और हाथों में ग्लब्ज़ (दस्ताने) लगाने पड़ रहे हैं तो ऐसे में लिपिस्टिक/नेलपालिस लगाने का क्या औचित्य है, अगर लगा भी ली तो वह दिखनी नहीं है और मास्क में छुप और छुट जाना है जिससे मास्क भी खराब हो सकता है। सौंदर्य प्रसाधन सहित लिपिस्टिक व्यवसाय में आई भारी मंदी के चलते बड़े और छोटे कारोबारी काफी परेशान हैं। उनका रखा माल आउट डेटिड हो चला है जिसके चलते वह इसे ओने-पोने दामों में बेचने को मजबूर हैं।



सस्ते में बिक रही महंगी लिपस्टिक...
फुल स्टॉक और बिक्री की कमी के चलते दुकानदारों ने इससे निपटने के लिये एक लुभावना तरीका निकाला है। ब्रांडेड लिपिस्टिक को एक पर एक फ्री कर दिया है या आधे दामों में बेच रहे हैं। ताकि कुछ तो रकम वसूल जा सके। भले ही इन्हें इसमें अच्छा खासा घाटा है पर आउट डेटिड और खराब होने पर इन्हें कोई नहीं लेगा और फेंकना पड़ेंगी जिससे 100% लॉस ही होना है। इससे बेहतर है कुछ तो मिले। वहीं महिलाएं भी इस स्कीम का भरपूर फायदा उठाते हुए कंपनी की 500 वाली लिपिस्टिक 250 में और 600-700 वाली 300-350 में खरीद रहीं हैं कि कोरोना जाने के बाद तो काम में आयेंगीं ही।



अभी कोरोना से लड़ना है, जान बची तो सजना सवंरना तो बाद में भी हो जाएगा...
यह व्यवसाय अधिकांशत महिला-पुरुष दोनों ही संचालित करते हैं। इसके अलावा शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं से लेकर छोटे छोटे व्यापार के रूप में महिलाओं के लिए आर्थिक स्रोत का मानक जरिया बना हुआ है। मसलन कोरोना त्रासदी ने महिलाओं के स्वावलंबन पर चोट पहुंचाई है।



वहीं इस मामले ब्यूटी गर्लस और यूजर्स ने भी इस कोरोना कॉल में सौंदर्य प्रसाधन और लिपिस्टिक व्यवसाय में मंदी की वजह बताई हैं और अपने अलग-अलग तर्क समझाईस दी हैं, कि अभी सिर्फ कोरोना से लड़ना है, बाकी अगर जान रही तो सौंदर्य तो फिर भी होता रहेगा। तो वहीं ब्यूटीपार्लर संचालकों ने भी इस कोरोना काल में सौंदर्य व्यवसाय में आई भीषण मंदी को भी स्वीकारा है और इसकी वजहें भी बताई हैं।

meena

This news is Edited By meena