महाकाल ने अपने भक्त को यूरोप में दिखाया चमत्कार! खोज निकाली ऐसी धरती जहां कदम कदम पर विराजमान है शिव

3/22/2022 1:18:03 PM

एमपी डेस्क(तनवीर वारसी): कहते है, "भगवान राम चक्रवर्ती राजा थे इसका सामान्य भाषा में अर्थ होता है चारों दिशाओं का स्वामी " इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस काल में संपूर्ण पृथ्वी पर राजा राम का राज्य रहा होगा। जिसके सबूत समय समय पर मिलते भी रहे हैं और अब तक प्राप्त हो रहे हैं। हाल ही में यूरोप की धरती पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां समुद्र किनारे गुफा में अद्भुत महाकाल दर्शन देखने को मिले।

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जी हां हम बात कर रहे हैं यूरोप की। जहां से दुनिया भर को चौंका देने वाली तस्वीर सामने आई। पेरिस के आगे लिस्बन से भी लगभग ढाई सौ किलोमीटर दूर समुद्र के किनारे छोटी छोटी गुफाएं हैं। जहां एक भारतीय मनीष वर्मा जो इन दिनों वहां रह रहे हैं अपने दोस्तों के साथ मॉर्निंग वॉक के लिए निकले तो समुद्र के किनारे छोटी छोटी गुफाएं देख कर हैरान हो गए। मनीष ने यूं ही कौतूहल वश अंदर झांका तो वह देखते ही रह गए क्योंकि उस रेत के ढेर के बीच में शिवलिंग जैसी आकृति दिखाई दी जिस पर बकायदा ऊपर से जल की धारा वह रही थी, जिसे देखकर वे ना केवल घोर आश्चर्य से भर गए बल्कि उनके आंखों से प्रेम अश्रु बह निकले, उन्होंने तुरंत कुछ फोटो और वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिए और जिन्हें देखकर सहज ही आश्चर्य से आंखें खुली की खुली रह जाती हैं।

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विदेश की अनजान धरती पर साक्षात महादेव के 2 शिवलिंग और उन पर गिरती जलधारा का दर्शन मनीष वर्मा ने किया और उन्होंने न केवल उनका स्पर्श किया बल्कि उन्होंने वहीं पर जल से अभिषेक करके उस पर पुष्प चढ़ाए और पूजा अर्चना की। उसके पश्चात दूसरा चमत्कार तब हुआ जब वे दूसरे दिन पहुंचे, तो उन्हें शिवलिंग आकार में बहुत छोटे दिखे। जबकि वह शिवलिंग उनके द्वारा स्पर्श करने पर ठोस पत्थर के बताए गए थे। एक ही दिन में वे दोनों पत्थर के शिवलिंग आकार में काफी छोटे हो चुके थे। जिसका वीडियो एवं फोटो वाला साक्ष्य मनीष के कैमरे में कैद थे। इससे भी बड़ा चमत्कार तीसरे दिन देखने को मिला जब मनीष वर्मा आस्था से अभिभूत दर्शन के लिए समुद्र किनारे स्थित उस गुफा में पहुंचे तो वहां कुछ भी नहीं था वह शिवलिंग वहां से अदृश्य हो चुके थे।

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यह देख कर के वे मायूस हो गए किंतु फिर एक बार जाने पर उनके मन में जिज्ञासा हुई कि क्यों ना इस रेत के दरिया को हटाकर अपने ईश्वर की खोज की जाए और उन्होंने उस गुफा से रेत हटानी शुरू कर दी और सुखद परिणाम सामने था बिल्कुल वैसे ही शिवलिंग मगर छोटे आकार में उस रेत के नीचे से प्रकट हो गए। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह रही कि शिवलिंग का जो पत्थर है वह उस रेत के और उस जगह के पत्थरों से काफी भिन्न था वो चिकना और बिल्कुल लिंग के आकार में बनाया हुआ प्रतीत हो रहा था। महाकाल के दर्शन के लिए मनीष अब नियमित अपने सिख भाई मित्र गुरुबचन सिंह के साथ समुद्र किनारे इस सुंदर गुफा में जाते और उन्हें दर्शन हो जाते। मनीष कहते है कि- यदि प्राचीन विश्व में यह चमत्कार होता तो, उस स्थान को आस्था के प्रतीक के रूप में सुरक्षित कर दिया जाता। यूरोप की धरती पर महाकाल के दर्शन संपूर्ण भारत के आस्थावान शिव भक्तों के लिए एक नया उपहार हैं।


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Content Writer

meena

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