एक मजबूर पिता ने स्कूल के लिए दान कर दिया लाखों का मकान! विभाग ने नहीं लिया तो CM से की शिकायत

12/16/2021 12:03:49 PM

सीहोर: मध्य प्रदेश में एक पीड़ित पिता ने अपना लाखों का मकान आंगनबाड़ी के लिए दान करने की घोषणा की है। इसके लिए उसने बाकायदा अपने मकान पर दान करने की सूचना भी चिपका दी है। लेकिन महिला बाल विकास विभाग मकान लेने ले या नहीं उलझन में है क्योंकि विभाग के पास इस तरह से मकान लेने की कोई पॉलिसी नहीं है। इसलिए पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई है और अपना मकान दान देने की इच्छा जताई है। शख्स का यह कदम इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।

समाज की प्रताड़ना के आगे झुक गया शख्स
जानकारी के मुताबिक सीहोर जिले के खटीक मोहल्ला अम्बेडकर नगर वार्ड क्रमांक 11 में जानी सोनकर अपने साथ हुई ज्यादती से इतना त्रस्त हुआ कि उसने अपना लाखों का मकान दान करने की ठान ली। इसके लिए उसने 100 रूपये के स्टांप पर इस बात की नोटरी के साथ घोषणा भी की है। जानी सोनकर ने बताया कि उसने किसी दूसरे समाज की लड़की के साथ 22 साल पहले लव मैरिज की थी। तब उसे समाज से बेदखल कर दिया गया था। उसकी दो बेटियां है। लेकिन अब बच्चे बड़े हुए तो लोग बड़ी बेटी की शादी भी समाज में नहीं होने दे रहे। इतना ही नहीं कुछ दरिंदों ने मिलकर उसकी नाबालिग बेटी की इज्जत भी लूटी। उसे भी छुरा मारकर लहूलुहान कर दिया। इसके बावजूद भी कानून ने गुनाहगारों को जमानत दे दी। अब उसका मोहल्ले में रहना मुश्किल हो गया है। इस घर में उसका दम घुटता है। मोहल्ले में भी इज्जत नहीं बची है। लोग तरह तरह की बातें करके उसे और उसके परिवार को प्रताड़ित करते हैं। इसलिए उसने घर छोड़ने का फैसला लिया है।

घर बेचना नहीं शिक्षा के लिए दान करना है
पीड़ित का कहना है कि वह अपना घर किसी को बेचना नहीं चाहता और न ही किसी को निजी रूप में देना चाहता है इसलिए 35 गुना 60 क्षेत्रफल वाला करीब 25 लाख का मकान शासन को आंगनबाड़ी खोलने के लिए दे रहे हैं। इससे बच्चियों को शिक्षा मिलेगी ताकि वे बचपन से ही होनहार बने और उनका भविष्य उज्जवल हो। पीड़िता का कहना है कि वह अनुसूचित जाति से है और अपने साथ हुई ज्यादती के लिए प्रशासन द्वारा दी जाने मदद राशि भी नहीं लेना चाहता। बल्कि शासन प्रशासन को बच्चियों के कल्याण के लिए घर दान देना चाहता है। पुलिस प्रशासन ने घटना के समय आरोपियों का साथ दिया लेकिन उन्हें कानून और सरकार से कोई नाराजगी नहीं है। सिर्फ सीएम शिवराज सिंह चौहान से एक ही प्रार्थना है कि जमानत पर छूटे आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाए।

दान किए मकान को लेकर उलझन में विभाग
वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग मकान को लेकर उलझन में है। जिला अधिकारी प्रफुल्ल खत्री का कहना है कि  सीधे पट्टे का मकान विभाग इस तरह से दान नहीं ले सकता है। क्योंकि ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है। फिलहाल इस मामले में हम वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह ले रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन पर भी जवाब भेजा गया है। यदि दानदाता अपना मकान को कानूनी रूप से विभाग के नाम करवाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।


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meena

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