मकान बनाने में आड़े आ रहा था आम का पेड़, जुगाड़ लगाया और शख्स ने बिना काटे बनाया आलिशान घर

11/17/2021 3:23:00 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): मकान बनाने के लिए कुछ लोग बहुत से पेड़ों की बलि दे देते हैं लेकिन कुछ लोग पर्यावरण प्रेमी होते हैं और वे मकान नहीं घर बनाते हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसा ही परिवार इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, इस परिवार ने जहां मकान बनवाना था वहां एक आम का पेड़ था अब समस्या यह थी कि मकान बनाते तो पेड़ काटना पड़ता लेकिन इस परिवार ने ऐसी युक्ति निकाली कि आम के पेड़ को काटा नहीं बल्कि उसी आम के पेड़ को बिना कोई नुकसान पहुंचाए ज्यों का त्यों खड़ा रहने दिया और 2 मंजिला आलीशान मकान बना दिया जबकि इनके लिए यह जगह व्यावसायिक उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है।

मकान बनाने से पहले यह पेड़ जगह के बीचों बीच था। समस्या यह थी कि परिवार पेड़ भी काटना नहीं चाहता था और घर भी बनवाना चाहता था। फिर बीच का रास्ता निकाला और पेड़ के ताने को जगह देते हुए जमीन लेबिल से तीसरी मंजिल तक लेंटर को काटकर पेड़ को सुरक्षित रखा गया। भले ही यह काम इतना आसान नहीं था और परिवार को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी लेकिन अब हरा भरा पेड़ मकान की तीसरी मंजिल पर तक पहुंच चुका है।



यहां तने को जगह देने के लिए छत को इस तरह आकार दिया कि पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचे और आज यह पौधा तकरीबन दस-बारह साल का हो चुका है। यह पौधा मकान के बीचों-बीच से निकलकर दूसरी और तीसरी मंजिल तक पहुंच गया है और फूल-फल भी दे रहा है। खास बात यह कि फल तोड़ने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती छत पर खड़े होकर बड़े आराम से फल तोड़ सकते हैं।

बड़ा ही रोचक मामला छतरपुर जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग पर हनुमान टोरिया के करीब स्थित प्रशांत महतों के मकान में स्थित है। यह जगह रिहायशी सह व्यवसायिक है जहां पीछे इनका निवास है तो वहीं आगे व्यावसायिक है और विभिन्न ब्रांडों के आउटलेट/शोरूम हैं।

मकान को बने दस साल हो गए हैं और आम का पेड़ भी 12 साल का हो चुका है। चारों ओर कंस्ट्रक्सन के बाबजूद पेड़ बिना किसी नुकसान के मजबूती से खड़ा है। वहीं मकान मालिक ने जिस छत के बीच से पेड़ निकला है उस हिस्से को पूजा स्थल बना दिया है ताकि कोई इसके बीच से कोई न निकले। पेड़ को नेचुरल लुक देने के लिए सफेद मिट्टी से पुताई की गई है और तने के आस पास लाइट्स घुमाई गई है।

पर्यावरण प्रेमी परिवार का कहना है कि निर्माण के समय कई लोगों ने पेड़ से मकान को नुकसान होने की आशंका जताते हुए काटने की सलाह भी दी थी लेकिन उन्होंने अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हुए लोगों की सलाह नहीं मानी। अब यह पेड़ उनके परिवार का हिस्सा है। मकान में दो बड़े शो-रूम का संचालन हो रहा है। कपड़े के इन शो रूम में खरीदी करने पहुंचने वाले लोग मकान के इस पेड़ को देखने पहुंचते हैं।

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This news is Content Writer meena