राफेल पर जारी है रार, राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही मोदी सरकार- दिग्विजय सिंह

7/30/2020 5:44:28 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका चीन की कंपनी डोंग-फेंग को दिये जाने पर आपत्ति जताते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया है। दिग्विजय सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर केंद्र सरकार को राफेल सौदे की वास्तविकता को छुपाने पर और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को सवालों के घेरे में खड़ा किया।

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार ने 126 राफेल विमान के लिये फ्रांस से करार किया था। मोदी सरकार ने किन कारणों से 126 के बजाय सिर्फ 36 राफेल खरीदने का फैसला लिया। डाॅ. मनमोहन सिंह के नैतृत्व वाली यूपीए सरकार जिस राफेल विमान को 746 करोड़ रूपये में खरीद रही थी उसे 1600 करोड़ रूपये में क्यों खरीदा गया? यह देश को नहीं बताया जाना प्रमाणित करता है कि इस सौदे में भ्रष्टाचार किया गया है एवं देश को धोखा दिया है।

इसके अलावा एक और आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने फ्रांस में तैयार 18 राफेल को छोड़कर शेष राफेल भारत में हिन्दुस्तान एरोनाॅटिक्स लिमिटेड (एच.ए.एल.) से ही बनाने का समझौता किया था किन्तु मोदी सरकार ने सार्वजनिक अनुभवहीन कंपनी, जिसने विमान का कभी एक पुर्जा तक नहीं बनाया, उससे तीस हजार करोड़ की डील किस दबाव में की गई है? इस डील में जो लोग शामिल थे उनकी पहचान क्यों छिपाई गई। दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में सबको सवाल पूछने और सच जानने का अधिकार है।



उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और विपक्ष का यह फर्ज है कि हजारों करोड़ रूपये के अतिरिक्त भुगतान कर किए गए राफेल सौदे पर मोदी सरकार से प्रश्न किए जाए। देश की जनता को फ्रांस सरकार से की गई इस डील की सच्चाई जानने का हक है। वहीं उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक न एक दिन राफेल सौदे में किए गए भ्रष्टाचार से जरुर पर्दा उठेगा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे से संबंधित पेपर्स पब्लिक डोमेन में आने पर आंतरिक जांच के आदेश 2019 में दिये थे, उसका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने से घबरा रही है जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार इस घोटाले की जेपीसी से जांच कराने की मांग कर रहे है। 

एक अन्य आरोप में कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा दोहरे मापदंड अपनाए हैं। उनकी कथनी और करनी में समानता नहीं है। वे व एक तरफ चीनी मोबाइल एप्स को बेन करने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख जैसे संवेदनशील प्रदेशों में बिजली के स्मार्ट मीटर चीन की कंपनियों से लगाने के ठेके दे रहे हैं। 

 

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