किसान आंदोलन के बीच 50 से अधिक किसानों ने किया चिप्स कंपनियों के साथ कांट्रैक्ट

12/27/2020 3:52:42 PM

इंदौर (गौरव कंछल): देशभर में कृषि कानून को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। इस दौरान कांट्रैक्ट खेती को लेकर भी कई तरह के विरोध की स्थितियां पैदा हो रही हैं। लेकिन इंदौर जिले के महू तहसील में कई किसान लंबे समय से अनुबंध खेती कर रहे हैं। वहीं वर्तमान में भी 50 से अधिक किसानों ने चिप्स बनाने वाली कंपनी के साथ अनुबंध किया है।

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इंदौर जिले की विभिन्न तहसीलों में आलू की बंपर खेती की जाती है। यहां आलू का अच्छा उत्पादन होता है। बड़ी मात्रा में आलू उत्पादन को देखते हुए लगातार लंबे समय से निजी कंपनियों द्वारा यहां के किसानों से आलू की खेती को लेकर अनुबंध किए जाते रहे हैं। वर्तमान में जहां कृषि कानून के दौरान अनुबंधित खेती को लेकर विरोध किया जा रहा है। तो वहीं क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से अनुबंध खेती की जा रही है। वर्तमान में भी चिप्स बनाने वाली कंपनी द्वारा क्षेत्र के करीब 50 से अधिक किसानों के साथ फसलों को लेकर अनुबंध किया गया है। यह अनुबंध करीब 350 एकड़ से भी अधिक कृषि भूमि पर कृषि कार्य के लिए किया गया है।

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अनुबंध खेती करने वाले किसान राजेश उजीवाल और जितेंद्र पाटीदार का कहना है, कि उनके द्वारा लगभग 3 साल से भी अधिक समय से लेकर अनुबंध खेती की जा रही है। कांट्रैक्ट खेती में किसानों को एक निश्चित मुनाफा मिलने की उम्मीद रहती है। ऐसे में अगर बाजार में भाव की घट बड़ होती है। तो भी उन्हें निश्चित मुनाफा जरूर मिलता है। अनुबंध की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है। किसानों को अनुबंध खेती के दौरान अच्छी क्वालिटी का बीज व खाद उपलब्ध होता है। जिससे फसल का उत्पादन भी अधिक होता है। आधा किसानों कंपनियों के बीच सही से अनुबंध होता है, तो किसान और कंपनी दोनों का ही फायदा होता है।


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Vikas Tiwari

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