मेडिकल कॉलेज में न बेड मिला न एंबुलेंस, वकील ने बाइक पर ही तोड़ दिया दम
5/5/2021 12:03:04 PM

रतलाम(समीर खान): मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार अस्पतालों में सुविधाओं के लाख दावें करती रहे लेकिन कोरोना संकट में सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं। इसका उदाहरण रीवा में देखने को मिला जहां मंगलवार दोपहर एक कोरोना पॉजिटिव वकील ने बाइक पर ही दम तोड़ दिया। उन्हें मां व भाई मेडिकल कालेज लेकर गए थे, लेकिन वहां बेड नहीं मिला। दो घंटे तक इंतजार करने के बाद जब स्थिति बिगड़ने लगी तो निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी की। इस दौरान रास्ते में राममंदिर के समीप बाइक पर ही वकील ने दम तोड़ दिया। खास बात यह कि इसी दौरान जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि 60 बेड के नए वार्ड का शुभारंभ कर रहे थे, और बाहर एक मरीज बेड के अभाव में अपनी जान से हाथ धो बैठा।
40 वर्षीय वकील सुरेश पुत्र रामलाल डागर निवासी टाटानगर गली नंबर दो की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी। वे घर पर ही उपचार ले रहे थे। मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब हुई तो भाई अनिल और मां संतोषदेवी बाइक पर मेडिकल कालेज लेकर गए। मेडिकल कालेज में बेड भरे हुए होने से करीब दो घंटे तक उन्हें उपचार नहीं मिला। पास में ही स्थित निजी अस्पताल आयुष ग्राम में भी बेड फुल होने से भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद भाई व मां उन्हें दूसरे निजी अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन राममंदिर के समीप बाइक पर ही सुरेश की मौत हो गई। यह देख मां की हालत भी बिगड़ गई।
कोरोना संदिग्ध होने के कारण आसपास मौजूद लोगों में से भी कोई मदद के लिए नहीं आया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने पुलिस वाहन के जरिये शव को जिला अस्पताल भेजा। शाम को भक्तन की बावड़ी मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया गया। सुरेश डागर के मित्र मनीष महावर ने बताया कि मेडिकल कालेज व निजी अस्पताल दोनों जगह उपचार नहीं मिला।
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