लैंड पूलिंग योजना की असफलता के बाद सिंहस्थ महाकुंभ के लिए नया फार्मूला तैयार, 18 गांव “पर्यटन ग्राम”में होगें विकसित
Wednesday, Dec 24, 2025-03:03 PM (IST)
उज्जैन (विशाल ठाकुर): लैंड पूलिंग योजना के असफल होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों के लिए नया फार्मूला तैयार किया है। सरकार अब उज्जैन के आसपास के 18 गांवों को “पर्यटन ग्राम” के रूप में विकसित करेगी। इसका उद्देश्य सिंहस्थ के दौरान आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए ठहरने व सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था करना है।
सिंहस्थ महाकुंभ के लिए नया फार्मूला तैयार
इन गांवों में पर्यटन स्थलों जैसी मूलभूत और आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। सड़क, बिजली, पानी, स्वच्छता, स्ट्रीट लाइट, साइन बोर्ड और सुरक्षा के साथ-साथ होम स्टे जैसी सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे श्रद्धालु सीधे गांवों में रह सकेंगे और स्थानीय संस्कृति व जीवनशैली से जुड़ पाएंगे।
रोजगार और आय के नए अवसर मिलेंगे-सरकार
सरकार का कहना है कि इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार और आय के नए अवसर मिलेंगे। गांव के लोग अपने घरों को होम स्टे के रूप में पंजीकृत कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा दे सकेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रदेश स्तर पर 1 हजार से अधिक होम स्टे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक 400 होम स्टे बनाए जा चुके
अब तक 400 होम स्टे बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 250 पूरी तरह चालू भी हो गए हैं। सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए उज्जैन संभाग में इस योजना को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि यह नया मॉडल सिंहस्थ प्रबंधन में मील का पत्थर साबित होगा।
आपको बता दें कि पहले लैंड पूलिंग योजना को लेकर मोहन सरकार को किसानों, स्थानीय लोगों और अपनी ही पार्टी के नेताओं के भी विरोध का सामना करना पड़ रहा था जिसके चलते सरकार को पहले की योजना से हाथ पीछे खींचने पड़े।

