इस मंदिर में शाम होने के बाद कोई नहीं रुकता, रात में दिखता है खौफनाक नजारा

6/4/2020 1:15:08 PM

मुरैना (गिर्राज शर्मा): वैसे तो हमारे देश में कई रहस्यमयी मंदिर हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में एक ऐसा मंदिर भी है। जहां शाम ढलने के बाद कोई भी नहीं रूकता। ये मंदिर है मुरैना जिले में शाम होने के बाद कोई नहीं रूकता। कहा जाता है कि। रात में यहां वो नजारा दिखता है। जिसे देखकर किसी भी इंसान की रूह कांप जाएगी। स्थानीय लोग इसे भूतों वाला मंदिर भी कहते हैं। ककनमठ मंदिर का इतिहास करीब एक साल हजार पुराना है। इस मंदिर का निर्माण कछवाह वंश के राजा ने अपनी प्रिय रानी के लिए करवाया था।



बेजोड़ स्थापत्य कला का उदाहरण है ये मंदिर
मुरैना जिले के सिहोनिया में स्थित 11 वीं शताब्दी का ककनमठ मंदिर आज भी अपनी बेजोड़ स्थापत्य कला को समेटे हुए है। पत्थरों को एक दूसरे से सटा कर बने इस मंदिर के बीचो बीच शिव लिंग स्थापित है। इस मंदिर की विशेषता यह है, की इसके निर्माण में किसी भी चुना या गारा का इस्तेमाल नहीं किया गया है। खास बात यह है कि पत्थरों को एक दुसरे से सटा कर 120 फीट ऊंचे इस मंदिर का उपरी सिरा और गर्भ गृह सैकड़ों साल बाद भी सुरक्षित है। इस मंदिर को देखने में लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है। लेकिन ककनमठ मंदिर सैकडों सालों से इसी तरह टिका हुआ है यह एक अदभुत करिश्मा है। इसकी एक औऱ ये विशेषता है। कि इस मंदिर के आस पास के सभी मंदिर टूट गए हैं। लेकिन ककनमठ मंदिर आज भी सुरक्षित है।



11 वीं सदी में राजा कीर्ती ने कराया था निर्माण
मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर सिहोनिया गांव में स्थित ककनमठ मंदिर को राजा कीर्ति सिंह ने बनवाया था। राजा की पत्नी रानी ककनावती भगवान भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था इसलिए इसका नाम ककनमठ मंदिर पड़ा। इस मंदिर की विशेषता हे की यह मंदिर मिट्टी के टीले पर बना हुआ है और 120 फीट ऊंचा है। ककनमठ स्थित इस मंदिर के दुसरे चरण में जैसे ही हम सीढियों से चढ़ कर ऊपर जाते हैं। तो बेजोड़ स्तम्भों का मंडप नुमा दिखाई देगा। गर्भ गृह में शिव लिंग स्थित है। ये अपने आप में अनोखा शिवलिंग है। जहां नंदी महाराज नहीं हैं।



एक ही रात में भूतों ने बनाया था मंदिर...  
बताया जाता है कि भूतों ने इस मंदिर का निर्माण रात में शुरू किया। लेकिन सुबह के वक्त जब गांव की किसी महिला ने आटा पीसने के लिए चक्की चलाई। तो उसकी आवाज सुनकर भूत वहां से भाग गए, और मंदिर का काम अधुरा रह गया। लोकमत है कि जिस दिन इस मंदिर के सामने से एक साथ नाई जाति के 9 काने दुल्हे निकलेंगे, तो उस दिन ये मंदिर खुद ब खुद गायब हो जाएगा। मुरैना में स्थित ककनमठ मंदिर पर्यटकों के लिए विशेष स्थल है। यहां की कला और मंदिर की बड़ी-बड़ी शिलाओं को देख कर पर्यटक भी इस मंदिर की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाते। मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की प्रतिमायें पर्यटकों को खजुराहो की याद दिलाती हैं। मगर प्रशासन की उपेक्षा के चलते पर्यटक यदा-कदा यहां आ तो जाते हैं। मगर सुविधाओं के आभाव में खुद को ठगा सा महसूस करते हैं।  



मंदिर के बारे में सच क्या है। ये तो ऊपरवाला ही जनता है। मगर बड़े बुजुर्ग कहते हैं, कि इस मंदिर का निर्माण रातों रात भूतो द्वारा किया गया है। अब ये कहानी है या हकीकत, लेकिन जो भी है बहुत अद्भुत है।  

 

 

Vikas kumar

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