अब क्या होगी कमलनाथ की भूमिका, नेता प्रतिपक्ष या कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष?

3/24/2020 1:55:37 PM

मध्यप्रदेश डेस्क (विकास तिवारी): मध्यप्रदेश में बड़े स्तर पर सियासी जोड़तोड़ के बाद अल्पमत में पहुंची कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ ने इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के साथ वह प्रदेश की सियासी फिजाओं में यह सवाल भी छोड़ गए, कि सूबे की सियासत में उनकी अगली भूमिका क्या रहने वाली है ? इस सवाल पर जोर देना इसलिए भी लाजमी हो जाता है, कि कमलनाथ ही पिछले एक अंतराल से कांग्रेस संगठन के साथ सरकार के केंद्र बने हुए थे और सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने नीचे से लेकर ऊपर तक पूरी कांग्रेस को बेहतरीन तरीके से मैनेज भी किया था और मौजूदा दौर जो मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए काफी नाजुक है, ऐसे में उसे कमलनाथ जैसे मैनेजर की सख्त जरूरत है। इस जरूरत को समझते हुए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता कमलनाथ को लेकर अपनी राय सार्वजनिक कर चुके हैं, पीसी शर्मा के साथ सज्जन सिंह वर्मा ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष रहने के साथ नेता प्रतिपक्ष भी बनाया जाने की मांग की है। लेकिन पार्टी हाईकमान और खुद कमलनाथ की तरफ से अभी तक ऐसी कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।  




कमलनाथ क्यों जरूरी ?
मध्यप्रदेश में कांग्रेस 2018 विधानसभा चुनाव से पहले भी कमलनाथ भरोसे ही थी, क्योंकि चुनाव के 6 महीने पहले ही उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, जिसका फायदा ये मिला की कांग्रेस एक बार फिर से सत्ता में आ गई। इस बीच कमलनाथ मुख्यमंत्री के साथ प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी बने रहे, अब पार्टी भले ही सत्ता में नहीं है लेकिन वे प्रदेशाध्यक्ष अभी भी हैं, और सिंधिया के कांग्रेस से बागवत के बाद वे ही पार्टी का सबसे ताकतवर चेहरा हैं। 25 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें से कांग्रेस को कम से कम 17 सीटों पर जीत जरूरी है, ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ही कांग्रेस की नैया पार लगा सकते हैं।

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क्या होगा नाथ का?         
15 महीनों तक प्रदेश में सरकार का नेतृत्व करने वाले कमलनाथ अब विपक्ष में बैठेंगे। लेकिन विपक्ष में कमलनाथ की भूमिका क्या होगी, उनका भविष्य क्या होगा, इस पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। भले ही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और सज्जन वर्मा ने कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग कर दी हो, लेकिन अभी तक खुद कमलनाथ ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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9 बार सांसद रहे कमलनाथ, फिर बने CM....           
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ CM बनने से पहले 9 बार 45 साल तक छिंदवाड़ा से सांसद रहे। उन्होंने यह तो सिद्ध कर ही दिया कि, जनता के बीच वह कितने लोकप्रीय नेता हैं। जिसके चलते 2018 विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया, जिसका नतीजा देखने को भी मिला, औऱ 15 साल तक सत्ता का सुख भोगने वाली बीजेपी चुनाव हार गई। 15 वर्ष के लंबे वनवास के बाद एक बार फिर कांग्रेस का सीएम बना, और वो थे कमलनाथ। लेकिन सांसद की तरह वे मुख्यमंत्री पद में लंबा वक्त नहीं दे पाए, और महज 15 महीनों में ही एक बार फिर कांग्रेस के हाथ से सत्ता दूर हो गई। 


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Vikas kumar

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