दफ्तरों में सरकारी डॉक्यूमेंट्स जलाकर आग ताप रहे अधिकारी, बोले- ठंड से बचने के लिए और क्या करें...

1/19/2022 8:46:09 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): कहावत है कि जब खेत की बाड़ ही खेत खाने लगे तो भला उसे बर्बाद होने से कौन बचा सकता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में जहां विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही अपने विभाग को तापने में लगे हुए हैं। जी हां वह विभाग के बेशकीमती डाक्यूमेंट्सों और किताबों को आग में जलाकर ताप रहे और अपनी ठंड मिटा रहे हैं।

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मामला छतरपुर जिले के महिला बाल विकास विभाग कार्यालय का है जहां भोपाल से आये बड़े-बड़े बंडलों में आंगनवाड़ियों के पत्रक/कार्ड और बुकलेट (जिनमें गर्भवती महिलाओं, टीकाकरण, बच्चों के आहारा, डाइट, कुपोषित संबंधी जानकारी साझा की जाती है) की फ्रेश प्रतियां जलाई जा रहीं हैं।

मौके पर मौजूद आग तापते जिला महिला बालविकास अधिकारी जीतेन्द्र गुप्ता से ज़ब पंजाब केसरी ने सरकारी डॉक्यूमेंट्स (पत्रक/किताबें) जलाने की वजह पूछी तो जलाने की सहमति देते हुए उन्होंने कहा कि हां यह सरकारी डॉक्यूमेंट्स हैं, और हमारा विभाग है हम ही इसे जला रहे हैं तो इसमें आपको क्या आपत्ति है। और कड़ाके की ठंड है तो तापने के लिये जला रहे हैं।

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उक्त पूरे मामले में कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष नाजिम चौधरी ने गंभीर आरोप लगाते हुए इसे बड़ी लापरवाही करार दिया है और साथ ही कहा है कि इस सरकार में अधिकारी लापरवाही और निरंकुश हो गए हैं। उन्हें किसी का भय नहीं रहा। वह सरकारी संपत्ति डॉक्यूमेंट्स को आग में जलाकर संबंधित विभाग और प्रदेश की सरकार को तापने पर तुले हुए हैं।

मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि राज्य शाशन इन डॉक्युमेंट्सों पर करोड़ों/अरबों रुपये प्रतिवर्ष खर्च करता है तो वहीं दूसरी ओर विभाग के जिम्मेदार और सबसे बड़े अधिकारी ही विभाग के बेशकीमती डॉक्यूमेंट्स/संपत्ति जलाकर और ठंड में तापकर नष्ट कर रहे हैं तो भला हम औरों से क्या उम्मीद कर सकते हैं।

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हालांकि अब देखना यह होगा कि मामला संज्ञान में आने के बाद जिले के जिम्मेदार आला अधिकारी कब और क्या कार्यवाही करते हैं। या यूं ही इनकीं तरह सहमति प्रदान करते हुए आग में जलाकर विभाग और उसकी संपत्ति को नष्ट करते रहते हैं।


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meena

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