World book of records में दर्ज है ओखलेश्वर धाम, देश का पहला हनुमानजी का मंदिर जहां बजरंगबली ने थामा है शिवलिंग
Saturday, Apr 16, 2022-07:10 PM (IST)

खरगोन(वाजिद खान): खरगोन जिले के बडवाह से 31 किलोमीटर दूर काटकूट के पास ऐतिहासिक एव प्रसिद्ध चमत्कारी ओखलेश्वर धाम मंदिर है। इसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में कुछ दिनों पूर्व ही दर्ज किया गया है। यह देश में पहला हनुमानजी का ऐसा मंदिर है जहां बजरंगबली अपने हाथ मे शिवलिंग लिए हुए है। ओखलेश्वर महादेव और हनुमान मंदिर है जिसमें सन 1976 से अखंड रामायण पाठ निरंतर जारी होने को लेकर ओखलेश्वर धाम मंदिर का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल हो गया है। ओखलेश्वर धाम में 46 वर्षो से रामायण पाठ जारी है। इस मंदिर में देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने से देश ही नहीं विदेश से भी बधाई मिली।
इस मंदिर की मान्यताएं द्वापर युग से भी जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि श्रीराम और रावण के युद्ध से पहले रामेश्वर में शिवलिंग की स्थापना के लिए हनुमान जी कैलाश पर्वत से शिवलिंग लेकर लौट रहे थे। यहां महर्षि वाल्मीकि का आश्रम होने के कारण वे कुछ समय के लिए यहां रुके थे। हालांकि जब तक हनुमानजी शिवलिंग लेकर रामेश्वर पहुंचे तब तक वहां महादेव की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी थी। ऐसा माना जाता है कि वह शिवलिंग आज भी तमिलनाडू के धनुषकोटि में स्थापित है। जिसका जिक्र नर्मदा पुराण में सुना व देखा जा सकता हैं।
मंदिर से जुड़े पंडित सुभाष पुरोहित ने बताया कि मेरे पिता जी ओंकारप्रसाद पुरोहित ने अक्षय तृतिया के मौके पर दो मई 1976 से यहां रामायण पाठ शुरु किया था। जिसके बाद मंदिर के भक्त जुड़ते चले गए। आस्था बढ़ती गई और आज 46 साल पूरे होने को आए लेकिन किसी भी परिस्थिति में यहां पाठ कभी बंद नहीं हुआ। यहां तक कि कोरोना काल मे रामायण पाठ एक दो ही थे उस समय भी दिन रात सतत रामायण पाठ चलता रहा और आज भी रामायण पाठ जारी है। इसी चमत्कारिक कार्य की जानकारी जब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड वालों को लगी तो उन्होंने तकरीबन आठ माह पहले मंदिर का निरीक्षण कर यहां के संबंध में जानकारी जुटाई थी। जिसके बाद दो माह पूर्व मंदिर में आकर बड़ोदरा गुजरात की सांसद रमन बेन भट्ट एवं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड संस्था के संतोष शुक्ला द्वारा अवार्ड दिया गया था।
शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर पंडित सुभाष प्रसाद पुरोहित के सानिध्य में बम्ह मुहूर्त में हनुमानजी का सहस्त्र धाराओं से मंत्रोउचार के साथ रूद्राभिषेक किया जाएगा। पश्चात पूजन कर चोला श्रंगार किया गया जाएगा। इस दौरान सैकड़ो भक्तो द्वारा संगीतमय सुन्दरकाण्ड का पाठ व हनुमान चालीसा कीजाती है। चोला श्रृंगार के बाद हनुमानजी की महाआरती की जाती है व विशाल भंडारा प्रसादी का आयोजन भी होता है। यहां माह में एक बार रोहणी नक्षत्र में हनुमानजी का चोला श्रृंगार बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ किया जाता है।
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