सिंधिया की राह पकड़ेंगे पायलट ! क्या राजस्थान में दोहराई जा रही MP की कहानी

7/12/2020 12:31:01 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की तरह अब राजस्थान में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मतभेद गहरा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर दोनों वरिष्ठ नेता आमने-सामने आ गए हैं। बताया जा रहा है कि सत्ताधारी कांग्रेस के 24 विधायक मानेसर के एक होटल में रुके हुए हैं। इस सारे घटनाक्रम को मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने और कमलनाथ सरकार के गिरने से जोड़ कर देखा जा रहा है। 

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राजस्थान में तेजी से बदलते घटनाक्रम ने कांग्रेस हाईकमान को चिंतित कर दिया है। दरअसल राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मतभेद गहरा रहे हैं। ऐसी ही तकरार मध्य प्रदेश में पूर्व की कमलनाथ सरकार में देखने को मिली थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह 2018 विधानसभा चुनाव में राजस्थान सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और वे मुख्यमंत्री पद के सशक्त दावेदार थे। लेकिन सिंधिया को छोड़ कमलनाथ को और सचिन को छोड़ गहलोत को सीएम बनाया गया।

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सिंधिया और सचिन पायलट दोनों ही राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा रह चुके हैं और दूसरे के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं। जब एमपी में सिंधिया ने पार्टी से बगावत कर कमलनाथ सरकार को गिराया था, तब कयास लगाए जाने लगे थे कि कहीं पायलट भी दोस्त सिंधिया की राह न पकड़ लें। हाल ही में राजस्थान में हो रही उठापठक में मध्य प्रदेश की कहानी दोहराती नजर आ रही है।

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अब राजस्थान में अचानक सियासी हलचल तेज होने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है। युवा नेता का दिल्ली में डेरा डालना, पार्टी के 24 विधायकों का दिल्ली से सटे प्रतिद्वंद्वी पार्टी शासित दूसरे राज्य में होटल में रुकना और कथित तौर पर पार्टी नेतृत्व के संपर्क में नहीं रहना, मुख्यमंत्री का विरोधी दल पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाना ये संकेत आने वाले समय में राजस्थान सरकार के लिए खतरे की बड़ी घंटी हो सकता है।

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वहीं सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने पर भले ही कांग्रेस ने खुलकर कुछ न कहा हो और न ही सिंधिया को मनाने की कोशिश की हो लेकिन इस वक्त कांग्रेस को युवा जोश की सबसे अधिक जरूरत है। सबसे बड़ी बात यह है कि शायद राहुल गांधी यह कमी पूरी करने में सफल नहीं हो पा रहे। ऐसे में कांग्रेस के भीतर किसी दूसरे विकल्प पर गौर करें, तो सचिन पायलट के अलावा कोई दूसरा चेहरा भी नजर नहीं आता।


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meena

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