उपद्रवी छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बाद अलर्ट पर ग्वालियर पुलिस, दिल्ली बंद के आव्हान के बाद एक्टिव हुए जवान

6/20/2022 3:40:51 PM

ग्वालियर (अंकुर जैन): अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) के विरोध में लेकर ग्वालियर में 16 जून को 'भिंड और मुरैना' के उपद्रवियों (riotous) ने जमकर हिंसा, लूटपात, मारपीट, तोड़फोड़ आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद ग्वालियर में पुलिस अलर्ट हो गई है। अलर्ट रहने की वजह यह है कि सोशल मीडिया पर अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे उपद्रवियों ने दिल्ली बंद का आव्हान किया था। जिसके तहत ग्वालियर में भी आंदोलन की आग भड़कने की आशंका थी। इसको लेकर आरपीएफ, जीआरपी और जिला पुलिस प्रशासन ने भी सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है।  

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हिंसा से निपटने के लिए पुलिस ने डाला डेरा 

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 20 जून के सोशल मीडिया मैसेज के तहत जो बंद करने का आव्हान किया गया था। उसको लेकर पूरी सतर्कता बरती गई थी। इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन की संपत्ति और आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए आरपीएफ के डीआईजी प्रयागराज से खासतौर पर एक दिन पहले ही डेरा डाल चुके थे। DIG आरएसपी सिंह के अलावा सीआरपीएफ के एडिशनल एसपी अमित कुमार वर्मा ने भी ग्वालियर में मोर्चा संभाल लिया है।

पुलिस की शांति बनाए रखने की अपील

आरपीएफ की टीम रेलवे स्टेशन और सर्कुलेटिंग एरिया में अनाउंसमेंट करती रही कि किसी भी तरह की हिंसा नहीं फैलाई जाए और शांति पूर्ण माहौल बनाए रखा जाए। इसके साथ ही आरपीएफ के अफसरों का कहना है कि ऐसे युवाओं को चिन्हित किया है, जो हिंसा भड़काने में शामिल थे और उन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

'भिंड और मुरैना' के थे उपद्रवी

दरअसल ग्वालियर को एक शांतिपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। लेकिन उसके आसपास के जिले से कई छात्र पढ़ाई के लिए ग्वालियर में रहते हैं। लेकिन इन छात्रों की मानसिकता हमेशा से ही आशंति, उपद्रव, लूट, मारपीट, धमकी और आगजनी की रही है। जिसमें भिंड और मुरैना जिले के छात्रों का हाथ शुरू से ही आगे रहा है। विशेषज्ञों की माने तो उनका कहना है कि यदि छात्रों को अग्निपथ योजना से सरोकार नहीं था तो उन्हें उसके लिए मौन प्रदर्शन, शांति मार्च और फिर बड़ी संख्या में एकजुट होकर संबधित अधिकारी को ज्ञापन सौंपना था। लेकिन आदत से मजबूर 'भिंड और मुरैना' के उपद्रवी छात्रों ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन, निजी संपत्ति और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। जिसकी कीमत करोड़ों में है। इसके अलावा जिस जगह यह बवाल शुरू हुआ था वो गोला का मंदिर क्षेत्र है, यहां से मुरैना और भिंड के लिए सीधा सड़क मार्ग दोनों जिलों से जोड़ता है। सूत्रों के मुताबिक आपराधिक किस्म के आरोपी और उपद्रवी इस रास्ते से आकर ग्वालियर में हिंसा फैलाते हैं और समय रहते इन्हीं दो रास्तों से चुपचाप निकल जाते हैं और पुलिस हाथ मलते रह जाती है।        

बड़ी संंख्या में रहते हैं उपद्रवियों के ग्वालियर में 'मददगार'

ग्वालियर में हुई हिंसा के पीछे जिन छात्रों की बात की जा रही है। उनके रिश्तेदार ज्यादा गोला का मंदिर, कांचमिल, आरा मिल, बिरला नगर, मुरार आदि क्षेत्रों में रहते हैं। जब भी ग्वालियर में हिंसा फैलती है, सबसे ज्यादा भीड़ इन इलाकों से निकलकर ग्वालियर हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही जब पुलिस एक्शन मोड पर आती है तब हिंसा फैलाने वाले छात्रों के रिश्तेदार या मददगार इन्हें कानून की नजर से बचा लेते हैं।  
 

 


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News Editor

Devendra Singh

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