नरोत्तम ने नईं शराब की दुकानें खोलने की दी सलाह, तो उमा भारती बोलीं- माफिया के दबाव में...

1/21/2021 5:25:57 PM

भोपाल: मुरैना में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौतें होने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शराब की नई दुकानें खोलने की घोषणा कर दी जिसके बाद मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गई। कांग्रेस के सवाल उठाए तो गृहमंत्री ने इसे महज अपना व्यक्तिगत सुझाव देकर मुद्दे को शांत करने की कोशिश की लेकिन इसी बीच अब भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री व पूर्व सीएम उमा भारती ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाए है और तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि थोड़े से राजस्व के लालच और माफिया के दबाव शराब बंदी नहीं होने देता। उमा भारती के इस बयान के बाद तरह तरह के कयास लगाने जाने लगे हैं और लोग इसे व्यक्तिगत हमले से जोड़कर देख रहे हैं।




दरअसल, मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की एक साथ मौतों ने मध्य प्रदेश को हिलाकर रख दिया। लेकिन सरकार ने शराब पर रोक लगाने की बजाय कहा कि शराब की नई दुकानें खोली जाएगी ताकि लोग घटिया या देसी शराब न पीए। इस अजीब तर्क के बाद विपक्ष ने तो सवाल उठाए ही लेकिन भाजपा नेता उमा भारती ने भी शराब बंदी की मांग उठाते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अपील की है। उन्होंने कहा कि- मैं सार्वजनिक अपील करती हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी करिए। उन्होंने बिहार में शराबबंदी को लेकर कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है। बिहार की बीजेपी की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिया।



उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही। इससे स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई, किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा। उन्होंने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौतों का हवाला भी दिया है।



उन्होंने आगे कहा, देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। जैसे, मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की होती है। वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे, तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है।



वहीं उमा भारती ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मप्र में शराब की दुकानें बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी निर्णय नहीं लिया है। इसके लिए वे बेहद अभिनंदनीय हैं।

 

 

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