नीचे उफनती नदी और 16 फीट ऊंचे पेड़ पर परिवार समेत गर्भवती महिला, बाढ़ के बीच ऐसे बिताए 24 घंटे
Monday, Aug 09, 2021-05:47 PM (IST)

विदिशा: डूबते को तिनके का सहारा कहावत तो आपने सुनी होगी लेकिन मध्य प्रदेश के विदिशा में दो परिवारों के लिए एक पेड़ सहारा बन गया। जहां पेड़ पर दोनों परिवारों ने 24 घंटे बिताए और बाढ़ से खुद को बचाया। खास बात यह कि पेड़ पर चढ़ने वालों में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी। गर्भवती महिला के चक्कर में परिवार गांव छोड़कर भाग नहीं सका, तो दूसरा परिवार भी इनकी मदद के चक्कर में फंस गया। अगले दिन सुबह एनडीआरएफ की टीम ने इस परिवार को बाढ़ प्रभवित क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला।
दरअसल, विदिशा के सिरोंज में कैथन नदी के उफान पर हैं। इससे नदी किनारे बसे गांव रनिया में लोग दहशत में थे। बाढ़ के डर से लोगों ने पूरा गांव खाली कर दिया, लेकिन गौरव और उसका भाई छोटू का परिवार बाढ़ में फंस गए। गौरव की पत्नी लक्ष्मी गर्भवती है। इसी चक्कर में वह समय रहते गांव नहीं छोड़ सका। उनकी मदद करने के चक्कर में गौरव का भाई छोटू भी गांव से बाहर नहीं जा सका। वहीं दूसरी तरफ पानी तेजी से बढ़ रहा था और देखते ही देखते गांव में कई फीट तक पानी भर गया।
ऐसे में अपनी जान बचाने के लिए गौरव ने अपने पत्नी लक्ष्मी, दोनों बेटे यश और बिट्टू के साथ छोटे भाई व उसकी पत्नी सुनीता को 16 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ा दिया। इसके बाद ये परिवार मदद की राह देखता रहा, लेकिन शाम हो गई थी, जिसकी वजह से इनके पास तक मदद नहीं पहुंच सकी। जैसे ही लोगों को उनके पेड़ पर होने का पता चला तो पूर्व सरपंच राजेश बघेल ने सिरोंज विधायक और कुरवाई विधायक को इसकी जानकारी दी।
प्रशाशन ने एयर लिफ्ट कराने के आदेश भी दे दिए, लेकिन अंधेरा अधिक होने और मौसम खराब होने के कारण मदद के लिए हेलिकॉप्टर परिवार की मदद के लिए नहीं पहुंच पाया। ऐसे में गौरव के पास परिवार सहित पेड़ पर रहने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। आलम यह था कि चारों तरफ पानी था पेड़ पर परिवार था। ऊपर से अंधेरी रात थी और मदद करने वाला कोई नहीं था। लेकिन दोनों परिवार हिम्मत के साथ सारी रात पेड़ पर डटे रहे। सुबह हुई तो रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।