सौम्या चौरसिया रिमांड: कई बार कोर्ट की फटकार खा चुके ED की भूमिका फिर सवालों में! पढ़िए ये रिपोर्ट...

12/8/2022 2:08:36 PM

रायपुर(सत्येंद्र शर्मा): छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बनने वाली सौम्या चौरसिया मुश्किलों कम होने का नाम नहीं ले रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने न्यायालय से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया की 14 दिन की रिमांड मांगी थी जिसमें कोर्ट ने 4 दिन का रिमांड ईडी को दे दिया है। वही प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसी राज्य प्रशासनिक सेवा की इस अफसर को लेकर के छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाई हुई है। सियासी गलियारों में हर रोज बैठक लगाने वाले भी कई प्रकार की कयास लगा रहे। इन सबके बीच आज बात करते हैं कि आखिरकार सीएम बघेल की उप सचिव के वकील का क्या कुछ कहना है और इससे मिलते जुलते ईडी के कुछ मामलों में क्या कुछ निकलकर सामने आया है।

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• तीन बार की रेड और 9 बार की पूछताछ में अब तक नहीं मिला है कुछ भी: एडवोकेट रिजवी

सौम्या चौरसिया के वकील फैसल रिजवी का ये कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 3 बार उनके घर पर छापा मारा। छापे में कुछ भी निकलकर सामने नहीं आने की बात एडवोकेट रिजवी कर रहे है और इसके साक्ष्य भी उनके पास होने का वो दावा कर रहे है। वही उन्होंने यह भी कहा की उनकी गिरफ्तारी से पहले 9 बार तक लगातार उनसे पूछताछ की गई मगर छापे और पूछताछ में कुछ भी निकल कर सामने नहीं आया। इसके साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाए कि सूर्यास्त होने के बाद रात के 11 बजे तक उनकी मुवक्किल से पूछताछ की गई। जबकि कानून यह कहता है कि सूर्यास्त होने के बाद किसी भी महिला से पूछताछ नहीं किया जा सकता है। वही उनका यह भी कहना है कि अभी तक किसी के भी बयान में सौम्या चौरसिया का नाम नहीं आया है। बता दे कि न्यायालय ने कई बार चुनिंदा लोगों पर प्रवर्तन निदेशालय के कार्यवाही करने को लेकर फटकार लगाई है आइए कुछ रिपोर्ट्स देखते हैं...

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• संजय राउत मामले में

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके दोस्त कारोबारी प्रवीण राउत को बीते 9 नवंबर को जमानत दे दी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार ईडी ने राज्यसभा सांसद संजय राउत को 1 अगस्त को गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास के संबंध में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। उसमें साफ तौर पर प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने यह कहा था कि मेरा मानना है दोनों आरोपी एक तरह से अवैध रूप से गिरफ्तार किए गए।

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उसने गिरफ्तारी की असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल बहुत लापरवाही से किया था। उन्होंने यह भी कहा कि राउत और उनके सह आरोपी प्रवीण राउत को केंद्रीय एजेंसी द्वारा बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया गया था। रावत के घर पर 31 जुलाई को छापा मारा गया और उन्हें दिनभर कहीं भी जाने नहीं दिया गया। फिर उन्हें ईडी कार्यालय ले जाया गया और दिखाया ये गया कि 1 अगस्त को दोपहर 12:35 किया गया।

न्यायलय ने यह साफ तौर पर कहा कि उन्हें आधी रात को गिरफ्तार करने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं थी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि प्रवर्तन निदेशालय ने इसे नजरअंदाज कर दिया और उनकी उपस्थिति समन के जरिए सुनिश्चित की जा सकती थी ना कि उस तरीके से जिससे उन्हें देर रात गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि संजय राउत करीब 3 महीने तक जेल में थे।

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• जैकलीन फर्नांडीज मामले में

बता दें कि अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडिस के खिलाफ ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपए के धन शोधन मामले में लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार इस पूरे मामले में दिल्ली की एक अदालत ने चुनिंदा लोगों पर कार्यवाही करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने यह पूछा था कि एजेंसी ने अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडिस के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? अदालत ने जांच एजेंसी से यह पूछा था कि आप ने एलओसी जारी करने के बावजूद जांच के दौरान जैकलिन को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया। अन्य आरोपी जेल में है। चुनिंदा लोगों पर कार्यवाही की नीति क्यों अपनाई। बता दे कि 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को राहत मिल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार 15 नवंबर को अभिनेत्री को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि में एक जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत दी थी।

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• न्यायालय ने धारा 44 तक याद दिलाने की बात कह डाली ईडी को

रिपोर्ट्स ये बताती है कि संजय राउत वाले मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने यह तक कहा कह डाला था कि ईडी को ट्रायल से संबंधित पीएमएलए की धारा 44 के बारे में अवगत कराने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी डर के बिना पक्षपात के काम करने के लिए ली गई शपथ के मद्देनजर ऐसा करने के लिए बाध्य है। हालांकि इस पूरे मामले में क्या कुछ होगा? अब तक के मामलों से सौम्या चौरसिया का यह पूरा मामला कितना अलग ये सब कुछ न्यायालय के आदेश पर टिका है।


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Content Writer

meena

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