सबसे पहले राजमाता ने रखा था राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव, उसके बाद आडवाणी ने निकाली थी रथयात्रा

8/5/2020 3:49:55 PM

भोपाल: देर से ही सही लेकिन अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। वर्षों तक अदालत में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ ही गई। राम मंदिर निर्माण के लिए देश ने लंबा इंतजार किया है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भगवान राम मंदिर के लिए बीजेपी में सबसे पहले प्रस्ताव कौन लेकर आया था।



आपको बता दें कि राम मंदिर के लिए बीजेपी की 1990 की यात्रा को मील का पत्थर माना जाता है, लेकिन ये कम ही लोग जानते होंगे की राम मंदिर के लिए 1988 में प्रस्ताव लाया गया था। दरअसल अयोध्या में राम मंदिर के लिए लंब समय तक कई आंदोलन चलाए गए। लेकिन पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा सोमनाथ मंदिर से निकाली गई रथयात्रा ने राम मंदिर निर्माण के लिए लोगों की भीड़ जुटा ली।  



राजमाता विजयाराजे सिंधिया लेकर आई थीं पहला प्रस्ताव...
राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहला प्रस्ताव 1988 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने भाजपा कार्यकारिणी में रखा था। ये वही प्रस्ताव था जिसके बाद बीजपी ने राम मंदिर के मुद्दे को अपने एजेंडे में शामिल कर लिया। उस समय विजयाराजे सिंधिया बीजेपी की संस्थापक सदस्य थीं, जब उन्होंने राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव लाया तो इसी के बाद ही रथ यात्रा का आयोजन किया गया। 



आंदोलन का प्रमुख हिस्सा रहीं राजामाता...
तब बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथ यात्रा निकाल दी, इस दौरान राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने उनको पूरा सहयोग दिया। रथयात्रा के बाद सन 1992 में राजमाता ने रामकथा कुंज के मंच से कारसेवकों को संबोधित किया। आपको बता दें कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया को भी बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी बनाया गया था।



सिंधिया के अलावा MP के इन नेताओं ने निभाई थी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी...
राम मंदिर निर्माण आंदोलन में राजमाता विजयाराजे के अलावा मध्यप्रदेश की उमा भारती, जयभान सिंह पवैया ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1990 की रथयात्रा के बाद बीजेपी ने राम मंदिर के मुद्दे को जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया, और आने वाले सभी चुनावों के घोषणा पत्र में राम मंदिर के मुद्दे को जगह भी दी। यही नहीं 2014 और फिर 2019 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने अपने मेनीफेस्टो में में राम मंदिर निर्माण को जगह दी। 2019 में आखिर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो ही गया। 1990 से लेकर अब तक सभी ने राम मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ तारीखें ही देखी थीं, लेकिन अब 2020 में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो ही गया,  आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का भूमि पूजन कर दिया गया है।

क्या बोले पीएम मोदी ...
राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'राम हम सब के मन में गढ़े हुए हैं, कोई काम करना हो, तो हम सभी प्रेरणा के लिए भगवान राम की तरफ ही देखते हैं। आप भगवान राम की शक्ति देखिए इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का पुिरजोर प्रयास किया गया, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं' 

Vikas kumar

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