कमलनाथ पर भारी पड़ी राम भक्ति ! कांग्रेस को जामिया निजामिया ने धमकाया
Friday, Aug 07, 2020-03:29 PM (IST)
भोपाल: अपने जनाधार को बचाने के लिए और भाजपा के हिंदुत्व की काट खोजने में जुटे कमलनाथ और कांग्रेस को राम भक्ति काफी भारी पड़ती नजर आ रही है। इस मामले में कांग्रेस का कुल वोट कहा जाने वाला मुस्लिम वर्ग अब उससे नाराज हो गया है मामले में गौरतलब बात यह है कि स्थानीय स्तर पर मुस्लिमों की नाराजगी के बाद इस विषय पर सीधे जामिया निजामिया ने संज्ञान लिया है और उन्होंने कमलनाथ और कांग्रेस को जताते हुए कहा कि मुसलमानों ने उस पर जो भरोसा किया था वह बेकार गया अब मुस्लिम वर्ग को फिर से सोचने की जरूरत है।
राम मंदिर और कमलनाथ के भगवाधारी रवैये को देखते हुए जामिया निजामिया ने इस वाक्य के बाद से कौम की सभी महिलाओं को हमारा सलाह है कि आने वाले चुनाव में कमलनाथ और कांग्रेस पर भरोसा न करें। अपने क्षेत्र में आपका साथ देनें वाले प्रतिनिधि को सोच समझ वोट दें। इस देश में मुस्लमान अब अकेला है। इस दौर में हमें अपने लिए सोच समझकर नेता का चयन करना होगा। हमें विश्वास है कि अकाबिरों की बताए हुए रास्ते से हटना बड़ा नुकसान का कारण बन सकता है। ये पहले दिन से स्पष्ट कर दिया है कि अब से हमारा कोई कनेक्शन कमलनाथ या कांग्रेस से नहीं है। दीन पर बयान और फिक्र को लेकर हम अपनी आवाज हमेशा बुलंद करेंगे। क्योंकि उम्मत की नेतृत्व करना हम अपना दिनी कर्तव्य समझते हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से बहुत से राजनीतिक घटनाक्रम बदले हैं। कांग्रेस का भगवाकरण होना एक ऐसा मुद्दा है जिसने विवाद के रुप में जोर पकड़ा है। भक्ति भी ऐसी कि इसके सामने कोरोना जैसी महामारी भी बौनी साबित हो रही है। कमलनाथ की अगुवाई में प्रदेश भर में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ किया गया।
वहीं राम मंदिर के शिलान्यास के दौरान पीसीसी मुख्यालय में दीपोत्सव भी किया। कांग्रेस और कमलनाथ के इस पहल से कई सवाल उठते हैं कि कांग्रेस की इस बदलती हुई सियासत के मायने क्या हैं ?