कमलनाथ को महाकौशल में पहचान दिलाने वाले 'राम' अब बन सकते है बीजेपी के अमोघ अस्त्र
Thursday, Aug 06, 2020-05:29 PM (IST)
जबलपुर(विवेक तिवारी): आज कमलनाथ मध्यप्रदेश में राम के सहारे ही अपनी सत्ता की नाव को आगे बढ़ाने के लिए जुटे हुए हैं, लेकिन कभी महाकौशल की राजनीति में इन्हीं राम के सहारे कांग्रेस सबसे आगे हुआ करती थी। महाकौशल की चुनावी रणनीति को सफल बनाने में राम का ही सहारा हुआ करता था राम के सहारे ही नाथ हुआ करते थे लेकिन वक्त ने करवट बदली और सत्ता में आने के बाद ही 15 महीने बाद ही कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी। जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण था एक साथ कांग्रेसी विधायकों का पार्टी छोड़ना। साल 2018 में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब जबलपुर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राममूर्ति मिश्रा ने कांग्रेस का दामन छोड़ भगवा धारण किया था। आज यही भगवा अब कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है।
राममय हुए राममूर्ति
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद राममूर्ति मिश्रा ने भगवाधारी हो गए। राम मंदिर भूमिपूजन पर उन्होंने अपने निवास पर दिवाली जैसी सजावट की। घर के बाहर पटाखे फोड़े। अंदर दीपों की माला की और संगीत की धुन में भी राम का गुणगान किया। इस तरह की चर्चा इसलिए भी खास हो जाती है क्योंकि एक समय था जब राममूर्ति मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेहद खास हुआ करते थे महाकौशल की राजनीति में तो मानो कमलनाथ को स्थापित करने वाले ही राममूर्ति मिश्रा ही थे।
इन के ही सहारे नाथ आगे बढ़ा करते थे लेकिन अब राम बीजेपी के हो गए हैं और बीजेपी के होने के बाद रंग भी कुछ अलग ही है और यही चुनौती आने वाले वक्त में कांग्रेस के लिए बनने जा रही है। राममूर्ति मिश्रा का बीजेपी में आना कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है। बीजेपी लगातार जबलपुर से राममूर्ति मिश्रा को आगे बढ़ा रही है जोकि महाकौशल की राजनीति के आने वाले वक्त में बड़े चेहरे हो सकते हैं।
एक कांग्रेस नेता का इस तरह का परिवर्तित रूप आपने पहले कभी नहीं देखा होगा लेकिन आज जो आप राममूर्ति की तस्वीर देख रहे हैं वह बीजेपी के लिए महाकौशल में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही है। राम मंदिर शिलान्यास के वक्त खुशी का इजहार इस कदर हुआ, घर इस तरह से सजा की भोपाल का कांग्रेस कार्यालय भी फीका पड़ गया। घंटों यहां पर आतिशबाजी होती रही लोग एक दूसरे को बधाई देते रहे, नाचते रहे, गाते रहे, गुनगुनाते रहे और राम राम के जयकारे लगाते रहे।
वैसे तो बीजेपी में कांग्रेस से आए नेताओं की झड़ी लग गई है लेकिन वे अपनी पुरानी छवि को अलग नहीं कर पा रहे हैं वे छवि बदलना तो चाहते हैं लेकिन आलोचना के शिकार हो जाते हैं। आने वाले उपचुनाव में भी यही मुसीबत बीजेपी के लिए बनी हुई है। खासकर उन नेताओं के लिए जो कांग्रेस का दामन छोड़कर अभी-अभी बीजेपी ज्वाइन किए हैं और उन्हें चुनावी मैदान में उतरना है। वह अभी समझ नहीं पा रहे कि बीजेपी में सेट कैसे होना है। जनता के बीच उनकी छवि आज भी नकारात्मक ही बनी हुई है।
अगर वे भगवा रंग में रंगने का प्रयास भी करते हैं तो उन्हें नौटंकी करार दे दिया जाता है लेकिन यहां पर पंडित राममूर्ति मिश्रा बीजेपी के लिए सबसे बड़ा शस्त्र बन कर तैयार बैठे हैं। वैसे भी महाकौशल में बीजेपी को वरिष्ठ और हिंदुत्ववादी सोच वाले ब्राह्मण नेता की तलाश थी जो इस तस्वीर को देखने के बाद पूरी होने जा रही है। जाहिर तौर पर जिस तरह से बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बीडी शर्मा को कमान सौंपी है। यह तय है आने वाले वक्त में पंडित राममूर्ति मिश्रा बीजेपी के लिए एक अमोघ अस्त्र बनकर महाकौशल की राजनीति में उतर सकते हैं और खासकर कमलनाथ की काट के तौर पर बीजेपी इन को आगे कर सकती है। हालांकि यह वक्त की गर्त में ही अभी है लेकिन यह तस्वीर भविष्य की कहानी को खुद बयां कर रही है।