MP उपचुनाव में चुन्नू-मुन्नू के बाद आई रावण की राजनीति, सज्जन बोले- विजयवर्गीय का मुंह डरावने रावण जैसा
10/15/2020 1:23:20 PM
देवास (एहतेशाम कुरेशी): चुनाव में विरोधी सुर और बयानबाजी तो आपने देखी ही होगी, लेकिन जो अब मध्यप्रदेश में हो रहा है, शायद ये आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। यहां पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे को चिढ़ा कर राजनीति कर रहे हैं। कोई किसी को चुन्नू-मुन्नू कह रहा है, तो कोई किसी को रावण कह रहा है। छोटे बच्चों की तरह नाम चिढ़ाकर लड़ने वाले ये नेता कोई छोटे-मोटे नेता नहीं हैं। एक बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय हैं तो दूसरे है वरिष्ठ कांग्रेस नेता औऱ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा।
कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ और दिग्विजय को चुन्नू मुन्नू बताया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह बोले- कैलाश का मुंह दशहरे के समय रावण की तरह हो जाता है@KailashOnline @sajjanvermaINC @INCMP @BJP4MP pic.twitter.com/XNViS8IqJW
— Punjab Kesari-MadhyaPradesh/Chhattisgarh (@punjabkesarimp) October 15, 2020
दरअसल पहले बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को चुन्नू मुन्नू कहते हैं, और बाद में जब इनसे इस बयान का स्पष्टिकरण मांगा गया तो उन्होंने कहा कि, वे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ से प्यार करते हैं। दोनों बहुत प्यारे इंसान हैं। इसलिए उन्होंने इन दोनों को चुन्नू-मुन्नू कहा। वहीं जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से इस विषय पर बात की गई तो वे दो कदम औऱ आगे निकले औऱ कैलाश विजयवर्गीय की तुलना रावण से कर डाली। कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए सज्जन सिंह ने कहा कि दशहरा आते आते कैलाश का मुंह रावण की तरह हो जाता है, और नाक पकोड़े की तरह हो जाती है। इसके बाद पंजाब केसरी के संवाददाता एहतेशाम कुरेशी ने सज्जन सिंह से कहा कि कैलाश ने कहा है कि उन्होंने ने कमलनाथ औऱ दिग्विजय को प्यार से चुन्नू मुन्नू कहा था, तो सज्जन सिंह वर्मा ने भी यह कहने में देरी नहीं लगाई, कि मैंने भी कैलाश को प्यार से ही रावण कहा है।
कैलाश विजयवर्गीय बोले- मैंने तो कमलनाथ औऱ दिग्विजय को प्यार से चुन्नू मुन्नू कहा है, दोनों बहुत प्यारे लोग हैं इसलिए इन्हें ऐसा बोला@INCMP @OfficeOfKNath @digvijaya_28 @KailashOnline @sajjanvermaINC pic.twitter.com/vUpRL9Qy4V
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अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मध्यप्रदेश का उपचुनाव किस मोड़ पर आ चुका है। दोनों नेताओं के बयान सुनकर तो यही लगता है कि ये जनता के मुद्दे भूल चुके हैं, और खुद बच्चों की तरह एक दूसरे से लड़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में जल्द ही उपचुनाव हैं। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। कि उपचुनाव में जीत मिल जाए। हालांकि देखना होगा कि जीत का सेहरा किसके सिर सजता है।