कहीं टूटा 45 साल का रिकॉर्ड तो कहीं रचा नया इतिहास...बेहद रोचक रहे मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के नतीजे

6/5/2024 12:01:20 PM

भोपाल : मध्य प्रदेश की 29 की 29 सीटों पर भाजपा प्रचंड जीत हासिल करने जा रही है। कुछ सीटों पर परिणाम सामने आ चुके हैं। यहां भाजपा नेताओं ने निर्णायक बहुमत हासिल किया है। लेकिन इस सब में सबसे खास बात यह है कि इस बार के नतीजों में मध्य प्रदेश की राजनीति में कई कीर्तिमान रचे गए। प्रदेश की सबसे चर्चित सीट इंदौर और छिंदवाड़ा रही हैं। इन दो सीटों पर इतिहास रचा गया है।

छिंदवाड़ा में भाजपा का सूखा खत्म, 45 साल बाद सपना हुआ साकार

कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा में भाजपा के विवेक बंटी साहू ने शानदार जीत हासिल की है। पूर्व सीएम के पुत्र नकुलनाथ को एक लाख 13 हजार 655 वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया है। इसी के साथ कांग्रेस का 45 साल का सपना भी साकार किया है। बता दें कि छिंदवाड़ा को कांग्रेस का अभेय गढ़ माना जाता था। कमलनाथ इस सीट से 9 बार सांसद और कई बार केंद्रीय मंत्री रहे हैं। 1977 के लोकसभा चुनावों में जब कांग्रेस को देश में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। इमरजेंसी लगाने के कारण कांग्रेस की देशभर में करारी हार हुई थी, लेकिन उस दौरान छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। यहां से गार्गी शंकर मिश्र सांसद बने थे।

भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी की ऐतिहासिक जीत

इंदौर से भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी देशभर में सबसे ज्यादा मत हासिल करने वाले उम्मीदवार बने हैं। उन्होंने 12 लाख 26 हजार 751 वोटों से जीत हासिल की है। कलेक्टर आशीष सिंह ने उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा है। इससे पहले 2019 में गुजरात के नावासार सीट पर भाजपा के सीआर पाटिल ने 6,89,668 वोटों से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।

इंदौर में पहली बार कांग्रेस उम्मीदवार नहीं था मैदान में

इंदौर के इतिहास में पहली बार है कि इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में नहीं है। दरअसल, कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नामांकन वापसी के दिन उन्होंने सभी को चौंकाते हुए न केवल अपना नामांकन वापस ले लिया, बल्कि कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा का दामन भी थाम लिया। इसके बाद इंदौर से कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं रहा।

नोटा ने रचा इतिहास

इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान छोड़ने के बाद कांग्रेस ने नोटा को प्रमोट किया था। ऐसे में नोटा ने भी इस बार एक नया इतिहास रचा है। नोटा को इंदौर में 2 लाख 18 हजार  355 मत मिले हैं। बता दें कि इंदौर में नोटा दूसरे नंबर पर मुकाबले में है। इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 'नोटा' को बिहार की गोपालगंज सीट पर सर्वाधिक वोट मिले थे। तब इस क्षेत्र के 51,660 मतदाताओं ने 'नोटा' का विकल्प चुना था और 'नोटा' को कुल मतों में से करीब पांच प्रतिशत वोट मिले थे।


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meena

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