दिग्विजय के खिलाफ चुनावी रण में साध्वी प्रज्ञा! बोलीं- किंग बनने को हैं तैयार
4/12/2019 11:52:52 AM
भोपाल: एमपी में लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। लेकिन कांग्रेस, बीजेपी अपनी कुछ सीटों पर माथापच्ची में लगे हैं। बात करें भोपाल सीट की तो ये बीजेपी का गढ़ है, लेकिन कांग्रेस ने इस बार अपने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को उतार कर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। बीजेपी को अब ये सुरक्षित सीट, दिग्विजय के उतरते ही असुरक्षित नजर आ रही है। वहीं दिग्गी राजा को चुनौती देने के लिए मालेगांव विस्फोट कांड की वजह से चर्चित साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम बीजेपी की तरफ से तेजी से उछाला जा रहा है। बुधवार को दिल्ली में आरएसएस की बैठक में प्रज्ञा के नाम पर चर्चा फिर से तेज हो गई।
साध्वी बोलीं- धर्मयुद्ध' लड़ने को तैयार हूं
हालांकि साध्वी ने चुनाव लड़ने को लेकर कुछ सपष्ट तौर पर नहीं कहा, लेकिन इशारों में ये जता दिया कि यदि संगठन का आदेश होगा तो वह 'धर्मयुद्ध' लड़ने को तैयार हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 'जिस दिग्विजय सिंह ने हिंदू धर्म को पूरे विश्व में बदनाम किया, भगवा ध्वज को आतंकवाद का रूप बताया, अध्यात्म और त्यागमय जीवन पर आक्षेप किए और राष्ट्रधर्म को कलंकित किया; उसके खिलाफ यदि मुझे चुनाव लड़ना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगी'।
साध्वी ने आगे कहा कि 'वे बचपन से राजनीति करती आ रही हैं। अभी तक वे किंगमेकर की भूमिका में थी, लेकिन अब यदि संगठन के आदेश पर किंग बनना पड़े तो वे इसके लिए तैयार हैं। वे एक राष्ट्रभक्त हैं और राष्ट्र के विरुद्ध बात करने वालों के लिए, पापी और दुरात्मा को समाप्त करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। आज दिग्विजय सिंह भले ही अपने आसपास साधु-संन्यासियों की भीड़ लगाए हुए हैं, लेकिन वह असली साधु संत हो ही नहीं सकते।'
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा
- साध्वी प्रज्ञा, मध्य प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं।
- परिवारिक पृष्ठभूमि के चलते वे संघ व विहिप से जुड़ी और फिर बाद में संन्यास ले लिया।
- 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट में उन्हें शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया गया। 2017 में बिना किसी सबूत उन्हें जमानत दी गई।
- मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 23 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया था।
- 25 अप्रैल 2017 को उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. उसके बाद उन्हें हाल ही में इस केस से दोषमुक्त कर दिया गया है।